tag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post1615402382918240804..comments2024-01-05T14:16:17.963+05:30Comments on बिखरे आखर .: ताज्जुब है कि, ये , दुनिया फ़िर भी चलती है ॥अजय कुमार झाhttp://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post-68484275238726798512010-01-17T19:58:55.357+05:302010-01-17T19:58:55.357+05:30जिसने बनाई है अब तो उसे भी आश्चर्य होता होगा कि यह...जिसने बनाई है अब तो उसे भी आश्चर्य होता होगा कि यह चल कैसे रही है।गगन शर्मा, कुछ अलग साhttps://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post-68637842702027327902010-01-17T18:16:31.483+05:302010-01-17T18:16:31.483+05:30hakikat bayan kar di .......isse jyada kya kahun k...hakikat bayan kar di .......isse jyada kya kahun kyunki ye duniya hai chalti hai aur chalti rahegi.vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post-60050616836017553742010-01-17T08:30:26.612+05:302010-01-17T08:30:26.612+05:30ये दुनिया फिर भी चलती है (..और चलती रहेगी ..)
बहुत...ये दुनिया फिर भी चलती है (..और चलती रहेगी ..)<br />बहुत अर्थपूर्ण प्रभावित करती रचना !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post-4849160439655139332010-01-17T08:24:20.900+05:302010-01-17T08:24:20.900+05:30रोचक कविता। कटु यथार्थ।रोचक कविता। कटु यथार्थ।हास्यफुहारhttps://www.blogger.com/profile/14559166253764445534noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post-79168874001179074422010-01-17T07:54:37.922+05:302010-01-17T07:54:37.922+05:30कितने दिन ऐसे ही चलेगी पता नहीं!!!कितने दिन ऐसे ही चलेगी पता नहीं!!!खुला सांडhttps://www.blogger.com/profile/12966838728570505280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post-42467552940971109592010-01-17T07:38:29.472+05:302010-01-17T07:38:29.472+05:30्चल रही है शायद इसीलिये दुनिया कहलाती है
शान्दार ...्चल रही है शायद इसीलिये दुनिया कहलाती है <br />शान्दार कविताdhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }https://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post-34565650926479675332010-01-17T07:15:06.327+05:302010-01-17T07:15:06.327+05:30दूसरे से लाश निकलती है।
ताज्जुब है कि, ये ,
दुनिया...दूसरे से लाश निकलती है।<br />ताज्जुब है कि, ये ,<br />दुनिया फ़िर भी चलती है ॥<br /><br />प्रेम , दोस्ती, रिश्ते की परिभाषा,<br />हर रोज़ बदलती है ।<br />ताज्जुब है कि, ये ,<br />दुनिया फ़िर भी चलती है ॥ ...<br />बहुत खूब.डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post-13823068995772898002010-01-17T07:03:30.010+05:302010-01-17T07:03:30.010+05:30बस एक पंक्ति - आपकी रचना ने मन मोह लिया।
सादर
श्...बस एक पंक्ति - आपकी रचना ने मन मोह लिया।<br /><br />सादर <br />श्यामल सुमन<br />09955373288<br />www.manoramsuman.blogspot.comश्यामल सुमनhttps://www.blogger.com/profile/15174931983584019082noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post-40935709991677071842010-01-17T02:52:04.613+05:302010-01-17T02:52:04.613+05:30बहुत सही वर्णन किया है आपने दुनिया का. वाकई में इस...बहुत सही वर्णन किया है आपने दुनिया का. वाकई में इस दुनिया का चलना ऊपरवाला ही जानता हैं .dipayanhttps://www.blogger.com/profile/07385176375960362837noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post-31719318019200456602010-01-17T01:11:41.947+05:302010-01-17T01:11:41.947+05:30ताज्जुब है कि, ये , दुनिया फ़िर भी चलती है , लेकिन ...ताज्जुब है कि, ये , दुनिया फ़िर भी चलती है , लेकिन कितने ही सवाल छोड देती है अपने पीछे??राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post-8510442379029667652010-01-17T00:50:49.665+05:302010-01-17T00:50:49.665+05:30बेटा जिस कोख में मारे किलकारी,
बेटी के लिए उसमें म...बेटा जिस कोख में मारे किलकारी,<br />बेटी के लिए उसमें मौत ही पलती है।<br />ताज्जुब है कि, ये ,<br />दुनिया फ़िर भी चलती है ॥ <br /><br />yahi kalyug hai ji shayad ..isliye itna sab hai fir bhi dunia chalti hai....<br /><br />behad praabhvshali abhivyakti.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post-37011512419799402242010-01-17T00:44:48.340+05:302010-01-17T00:44:48.340+05:30नदिया चले, चले रे धारा,
चंदा चले, चले रे तारा,
ओ ...नदिया चले, चले रे धारा, <br />चंदा चले, चले रे तारा,<br />ओ तुझको चलना होगा, तुझको चलना होगा...<br /><br />जीवन कहीं भी ठहरता नहीं है,<br />आंधी हो तूफां, ये थमता नहीं,<br />तू न चला तो चल दे किनारा,<br />बड़ी ही तेज़ समय की ये धारा,<br />ओ तुझको चलना होगा, तुझको चलना होगा...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post-14978360528891101242010-01-17T00:18:58.453+05:302010-01-17T00:18:58.453+05:30बहुत से प्रश्न खड़े किए हैं इस रचना ने। दुनिया तो ...बहुत से प्रश्न खड़े किए हैं इस रचना ने। दुनिया तो चलेगी ही। देखना है कि वह कैसे चलती है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post-31298420051584865312010-01-17T00:18:21.454+05:302010-01-17T00:18:21.454+05:30बेटा जिस कोख में मारे किलकारी,
बेटी के लिए उसमें म...बेटा जिस कोख में मारे किलकारी,<br />बेटी के लिए उसमें मौत ही पलती है।<br /><br /><br />-उफ्फ!! झा जी, गज़ब की सन्नाट पंक्ति है..ओह!! छा गये...बहुत जबरदस्त और करारा है!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post-50800098540398586052010-01-17T00:10:42.558+05:302010-01-17T00:10:42.558+05:30प्रेम , दोस्ती, रिश्ते की परिभाषा,
हर रोज़ बदलती ह...प्रेम , दोस्ती, रिश्ते की परिभाषा,<br />हर रोज़ बदलती है ।<br />ताज्जुब है कि, ये ,<br />दुनिया फ़िर भी चलती है ॥ <br />मर्मस्पर्शी पंक्तियों से सजी यह कविता दिल को छू गयी।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post-71813046562694298462010-01-17T00:08:12.517+05:302010-01-17T00:08:12.517+05:30सार्थक रचनासार्थक रचनाराजीव तनेजाhttps://www.blogger.com/profile/00683488495609747573noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post-13010633851794618622010-01-17T00:03:59.587+05:302010-01-17T00:03:59.587+05:30हाँ , और कमाल की बात है कि ये दुनिया तो फ़िर भी चल...हाँ , और कमाल की बात है कि ये दुनिया तो फ़िर भी चलती ही रहेगी ..........<br />बहुत सही कहा !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post-88306410855399258602010-01-16T23:58:32.563+05:302010-01-16T23:58:32.563+05:30भाई बहुत बढ़िया बात उठाई आपने पर ताज्जुब करने की ज...भाई बहुत बढ़िया बात उठाई आपने पर ताज्जुब करने की ज़रूरत नही है क्योंकि ये दुनिया ऐसे ही लोगों से चलती है जहाँ लोग बस स्वार्थ और लालच के मद से मस्त है..कुछ ही है जो जीने की सार्थकता और मनुष्य को मनुष्य समझते है..<br /><br />बढ़िया रचना..धन्यवाद भाईविनोद कुमार पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.com