tag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post2536151319355862885..comments2024-01-05T14:16:17.963+05:30Comments on बिखरे आखर .: मैं और मेरी एक दुविधाअजय कुमार झाhttp://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post-57285533129298336872010-04-04T00:54:18.131+05:302010-04-04T00:54:18.131+05:30आपका आलेख पढ़कर मन में आया .. सड़कें बदली हैं ..आपका आलेख पढ़कर मन में आया .. सड़कें बदली हैं ..संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post-30274032383819298522010-01-13T17:08:53.529+05:302010-01-13T17:08:53.529+05:30मार्मिक मगर समीर जी की भी बात में दम है !मार्मिक मगर समीर जी की भी बात में दम है !संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post-86681126205572957082010-01-05T21:48:09.196+05:302010-01-05T21:48:09.196+05:30बच्चे पर है बोझ
क्योंकि इस देश में नहीं है सही सोच...बच्चे पर है बोझ<br />क्योंकि इस देश में नहीं है सही सोचसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post-75177482553110607412009-12-31T18:30:53.163+05:302009-12-31T18:30:53.163+05:30इसका भी कल नया और उज्वल होगा विश्वास रखें । सडक द...इसका भी कल नया और उज्वल होगा विश्वास रखें । सडक देख कर मैं भी खुश हो गई वरना बिहार की सडकों में तो खड्डे ही खड्डे देखते थे ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post-79901208119616899352009-12-30T17:50:40.021+05:302009-12-30T17:50:40.021+05:30सडक ना भी होती तब भी ये बच्चे ऐसे ही चलते शायद गरी...सडक ना भी होती तब भी ये बच्चे ऐसे ही चलते शायद गरीबी कभी इस देश से नहीं जायेगी। धन्यवादनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post-74184519527956676472009-12-30T14:57:55.136+05:302009-12-30T14:57:55.136+05:30यह सब तो हमारे देश के नेताओ ओर भर्ष्ट वाद का नतीजा...यह सब तो हमारे देश के नेताओ ओर भर्ष्ट वाद का नतीजा है, इन्हे देख कर शर्म आती है आम जनता को, लेकिन इन लोगो को कोई शर्म नहीराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post-69014101604205968282009-12-30T11:50:01.819+05:302009-12-30T11:50:01.819+05:30मार्मिक मगर समीर जी की भी बात में दम है !मार्मिक मगर समीर जी की भी बात में दम है !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post-72344827883867582692009-12-30T10:20:13.229+05:302009-12-30T10:20:13.229+05:30पक्की सड़क छोड़कर मिट्टी पर चलती बच्ची की तस्वीर द...पक्की सड़क छोड़कर मिट्टी पर चलती बच्ची की तस्वीर देखकर ख़्याल आया ... संकोच का भाव, एक ग़रीबी का गर्व, एक गंवारपन का स्वाभिमान।<br />आपका आलेख पढ़कर मन में आया .. सड़कें बदली हैं .. हालात वही/नहीं। बहुत-बहुत धन्यवाद <br />आपको नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post-57243001473485712482009-12-30T09:08:51.375+05:302009-12-30T09:08:51.375+05:30बच्चे पर है बोझ
क्योंकि इस देश में नहीं है सही सोच...बच्चे पर है बोझ<br />क्योंकि इस देश में नहीं है सही सोचAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post-73096387174801634982009-12-30T08:47:15.775+05:302009-12-30T08:47:15.775+05:30यही बच्ची इस राजमार्ग से हो एक दिन गौरवंवित करेगी ...यही बच्ची इस राजमार्ग से हो एक दिन गौरवंवित करेगी आपको...वादा!!<br /><br /><br />नितिश वाला नहीं..दिल से!!!<br /><br /><br />----<br /><br /><br />यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि आप हिंदी में सार्थक लेखन कर रहे हैं।<br /><br /><b>हिन्दी के प्रसार एवं प्रचार में आपका योगदान सराहनीय है.</b><br /> <br />मेरी शुभकामनाएँ आपके साथ हैं.<br /><br /><b>नववर्ष में संकल्प लें</b> कि आप नए लोगों को जोड़ेंगे एवं पुरानों को प्रोत्साहित करेंगे - यही हिंदी की सच्ची सेवा है।<br /><br />निवेदन है कि नए लोगों को जोड़ें एवं पुरानों को प्रोत्साहित करें - यही हिंदी की सच्ची सेवा है।<br /><br /><b>वर्ष २०१० मे हर माह एक नया हिंदी चिट्ठा किसी नए व्यक्ति से भी शुरू करवाएँ</b> और हिंदी चिट्ठों की संख्या बढ़ाने और विविधता प्रदान करने में योगदान करें।<br /><br />आपका साधुवाद!!<br /><br />नववर्ष की अनेक शुभकामनाएँ!<br /><br /><b>समीर लाल</b><br />उड़न तश्तरीUdan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post-65328439323242732402009-12-30T08:45:26.752+05:302009-12-30T08:45:26.752+05:30aapke post ne man ko jhakjhora hai!Tasveeren wo ba...aapke post ne man ko jhakjhora hai!Tasveeren wo bayan karti hain jiske liye shabd kam pad jate hain.<br />Bihar badal raha hai. sundar sidhi sarak aur bojhil bachpan hamare vikas ka padav hai jo vartman ki visangati ko darshata hai.<br />Aapke post ki tasveeron ne yaad dilaya hai ki hamen lautna hai air laut kar kuchh aisi koshish karni hai ki dosri tasveer itihaas ka hissa ban jaye.<br /><br />aapke is sundar post ke liye dhanyavaad.Raravihttps://www.blogger.com/profile/06067833078018520969noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post-30751942336703742782009-12-30T08:42:21.417+05:302009-12-30T08:42:21.417+05:30दुविधा कैसी.
कहीं तो शुरूआत हुई !
आने वाला कल आज ...दुविधा कैसी. <br />कहीं तो शुरूआत हुई !<br />आने वाला कल आज से बेहतर ही होगा.Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post-63557123461216079482009-12-30T08:40:00.052+05:302009-12-30T08:40:00.052+05:30ओह! छोटी उमर, सिर पर वजन और नंगे पैर। इस सड़क स...ओह! छोटी उमर, सिर पर वजन और नंगे पैर। इस सड़क से तो सूखी मिट्टी ही अच्छी।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post-9083222193540125872009-12-30T08:34:49.105+05:302009-12-30T08:34:49.105+05:30बिहार की ऐसी सड़कें किसी सपने को पूरा होते देखने जै...बिहार की ऐसी सड़कें किसी सपने को पूरा होते देखने जैसी ही हैं ...वर्ना तो हाईवे का भी ये हाल था कि कई बार ट्रेन छूटने से बचे ....<br />आपका मोबाइल कैमरा दगा करते हुए जो दिखा रहा है ...यह हमारे देश की सच्ची तस्वीर है ...जिसे देखने के हम इनते आदि हो चुके हैं के लोगों में अब कोई संवेदना ही नहीं जगाती ...सारी संवेदना तो निरर्थक विषयों में जाकर अटकी है ...!!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.com