tag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post4658014651106525614..comments2024-01-05T14:16:17.963+05:30Comments on बिखरे आखर .: क्या ब्लॉगजगत को वाकई एक एग्रीगेटर की कमी खल रही है ..????अजय कुमार झाhttp://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comBlogger17125tag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post-7153362007072311522010-10-23T23:39:01.959+05:302010-10-23T23:39:01.959+05:30लेकिन ब्लॉगवाणी की अपनी कुछ विशेष्तायें तो थी । और...लेकिन ब्लॉगवाणी की अपनी कुछ विशेष्तायें तो थी । और सबसे बडी बात उसकी एक आदत सी हो गई थी । अब इस आदत के बदलने मे समय तो लगेगा हीशरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post-80262567066545406742010-10-23T18:24:57.093+05:302010-10-23T18:24:57.093+05:30अंशुमाला जी ,
यहां किसी भी एग्रीगेटर पर कोई सवाल ख...अंशुमाला जी ,<br />यहां किसी भी एग्रीगेटर पर कोई सवाल खडा नहीं किया जा रहा है गौर से देखिए मैंने भी यही कहा है कि आज की तारीख में यही सबसे लोकप्रिय एग्रीगेटर है ...बावजूद इसके कि इसकी कई सूचियां अद्यत्तित नहीं हैं ..और इसे कोई भी आसानी से समझ सकता है । और मैं कह ही चुका हूं कि मुझे तो किसी नए एग्रीगेटर का इंतज़ार जरूर है ..अन्य पाठक भी अपना मत रख ही चुके हैं ???। टिप्पणी के लिए शुक्रियाअजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post-53936709399655550272010-10-23T18:23:44.817+05:302010-10-23T18:23:44.817+05:30@ anshumala
बावला ji iiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiii...@ anshumala <br /><br /><i>बावला ji iiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiii मै सुनाई दे रही हु|</i><br /><br />हा हा हा<br />इतना बावला नहीं हुआ हूँ अभी तक<br />कि <br />ऐसी पुकार लगाई जाए!!<br /><br />मुझे पाबला ही रहने दें। हा हा हाAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post-43079364646608494722010-10-23T17:56:14.068+05:302010-10-23T17:56:14.068+05:30मुझे आये ज्यादा समय नहीं हुआ था जब ब्लोगवाणी बंद ह...मुझे आये ज्यादा समय नहीं हुआ था जब ब्लोगवाणी बंद हुआ पर मुझे भी चिटठा जगत में वो मजा नहीं आता है जो उसमे था और अपने तो नहीं पर दुसरो की पोस्ट पर पाठको और टिप्पणियों का फर्क दिखता है | और हा अब चिटठा जगत पर कोई सवाल खड़ा मत कीजिये कही ये बंद हो गया तो हम जैसे ब्लोगरो को जिन्हें ज्यादा लोग नहीं जानते है उन्हें एक भी पाठक नहीं मिलेंगे | बावला jiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiii मै सुनाई दे रही हु |anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post-39669806964310774152010-10-23T13:31:04.016+05:302010-10-23T13:31:04.016+05:30अजय भाई, जाने वाले की कमी कुछ दिन तक तो खलती ही है...अजय भाई, जाने वाले की कमी कुछ दिन तक तो खलती ही है।<br />..............<br /><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">यौन शोषण : सिर्फ पुरूष दोषी?</a> <br /><a href="http://ss.samwaad.com/" rel="nofollow">क्या मल्लिका शेरावत की 'हिस्स' पर रोक लगनी चाहिए? </a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post-32100405128096778652010-10-23T13:05:46.404+05:302010-10-23T13:05:46.404+05:30मुझे तो सब से अधिक इन्तजार है। चिट्ठा जग्त बेशक अच...मुझे तो सब से अधिक इन्तजार है। चिट्ठा जग्त बेशक अच्छा है मगर धीमा है। ब्लअगप्रहरी देखते हैं अभी देखा नही। धन्यवाद।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post-75472635371137378682010-10-23T07:50:14.120+05:302010-10-23T07:50:14.120+05:30@ प्रवीण शाह
आपकी आवाज़ अभी तक सुन नहीं पाया हूँ ...@ प्रवीण शाह<br /><br />आपकी आवाज़ अभी तक सुन नहीं पाया हूँ :-)Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post-66638006560488792122010-10-23T07:46:24.221+05:302010-10-23T07:46:24.221+05:30काम तो चल रहा है चिट्ठाजगत से मगर नया बेहतर सुविधा...काम तो चल रहा है चिट्ठाजगत से मगर नया बेहतर सुविधाओं के साथ आये, तो उसका भी स्वागत है. एग्रीगेटर भी आदत का हिस्सा बन जाते हैं.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post-27943614125750221232010-10-23T07:13:28.106+05:302010-10-23T07:13:28.106+05:30आप सही कह रहे है |
ब्लॉग अग्रीगेटर तो बहुत आ गए पर...आप सही कह रहे है |<br />ब्लॉग अग्रीगेटर तो बहुत आ गए पर ब्लोगवाणी की कमी अभी भी खल ही रही है , नए आये एग्रीगेटर्स पर जाने का मन ही नहीं करता |Gyan Darpanhttps://www.blogger.com/profile/01835516927366814316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post-11557518153569185692010-10-23T04:52:02.860+05:302010-10-23T04:52:02.860+05:30शुभकामनायें - जल्दी से स्टार्ट करो ...मैंने आपका ...शुभकामनायें - जल्दी से स्टार्ट करो ...मैंने आपका नया लिंक देखा !राम त्यागीhttps://www.blogger.com/profile/05351604129972671967noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post-1416461363899089282010-10-22T22:26:19.312+05:302010-10-22T22:26:19.312+05:30वाकई बहुत फर्क पढ़ा है ....यह पूर तरह सही है कि इतन...वाकई बहुत फर्क पढ़ा है ....यह पूर तरह सही है कि इतने सारे एग्रीगेटर्स होने के बाद भी कोई ब्लोगवाणी जैसा नहीं है अब तक तो ....शायद अभी और समय लगेगा .रानीविशालhttps://www.blogger.com/profile/15749142711338297531noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post-2578165539764111312010-10-22T22:24:32.389+05:302010-10-22T22:24:32.389+05:30.
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आप सही कह रहे हैं, पर मुझे लगता है कि जल्द ह....<br />.<br />.<br />आप सही कह रहे हैं, पर मुझे लगता है कि जल्द ही कुछ समाधान निकलेगा...<br /><br />आप सुन तो रहे हैं न आदरणीय पाबला जी!<br /><br /><br />...प्रवीण https://www.blogger.com/profile/14904134587958367033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post-2388267975396011052010-10-22T21:42:35.637+05:302010-10-22T21:42:35.637+05:30इंतज़ार और अभी... और अभीइंतज़ार और अभी... और अभीAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post-80349954688770398902010-10-22T19:31:19.551+05:302010-10-22T19:31:19.551+05:30ब्लौवानी के जाने के फ़ौरन बाद से मेरे ब्लौगों में ...ब्लौवानी के जाने के फ़ौरन बाद से मेरे ब्लौगों में पाठकों की कुछ गिरावट आई थी जो अब संभल गयी है. वैसे भी मेरे ब्लौग में जायदातर पाठक सर्च करके आते हैं इसलिए फिलहाल कोई कमी खलने जैसी बात नहीं. हमारीवानी और अप्नीवानी बहुत कमज़ोर हैं और उनमें ब्लौग दर्ज कराना ज़रूरी नहीं समझता. <br />और मैं तो वर्डप्रेस का मुरीद हूँ जिसे ज्यादातर एग्रीगेटर बेहतर सपोर्ट नहीं देते.निशांत मिश्र - Nishant Mishrahttps://www.blogger.com/profile/08126146331802512127noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post-77567277336313317702010-10-22T19:17:46.788+05:302010-10-22T19:17:46.788+05:30ये भी कोई पूछने वाली बात हैये भी कोई पूछने वाली बात हैSaleem Khanhttps://www.blogger.com/profile/17648419971993797862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post-81514367688810276422010-10-22T18:57:34.634+05:302010-10-22T18:57:34.634+05:30वाकई कमी खल रही है ....वाकई कमी खल रही है ....समयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6989359645096836422.post-58508918100965297012010-10-22T18:17:30.526+05:302010-10-22T18:17:30.526+05:30ये भी कोई पूछने वाली बात है .. किसी एग्रीगेटर में ...ये भी कोई पूछने वाली बात है .. किसी एग्रीगेटर में सारे ब्लॉगर पंजीकृत हो तो शायद समस्या कम हो .. अभी तो ब्लॉग प्रहरी भी एक अच्छा विकल्प है .. पर बहुतों को तो इसकी जानकारी भी नहीं!!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.com