बधाई,आपकी ये पोस्ट बहुत दिन पहले पढी थीतरूण देश मे प्रकाशित होने के लिए एक बार फिर बधाई
कैसे लोग हे इस भारत मे, जो बच्चो को भी नही छोडते.... लानत हे जी इन सब पर
आपकी ये पोस्ट तरूण देश मे प्रकाशित होने के लिए बधाई
रॉबिन कुक का एक उपन्यास है 'कॉमा' जिसपर इसी नाम एक फ़िल्म 1978 में बनी थी. उसी का याद ताज़ा हो आई.
टोकरी में जो भी होता है...उसे उडेलता रहता हूँ..मगर उसे यहाँ उडेलने के बाद उम्मीद रहती है कि....आपकी अनमोल टिप्पणियों से उसे भर ही लूँगा...मेरी उम्मीद ठीक है न.....
बधाई,
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तरूण देश मे प्रकाशित होने के लिए एक बार फिर बधाई
कैसे लोग हे इस भारत मे, जो बच्चो को भी नही छोडते.... लानत हे जी इन सब पर
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