प्रचार खिडकी

गुरुवार, 6 सितंबर 2018

इक चुटकी इश्क




                                      चंद अल्फाज़ हैं ये
                                     मेरा कल आज हैं ये
















4 टिप्‍पणियां:

टोकरी में जो भी होता है...उसे उडेलता रहता हूँ..मगर उसे यहाँ उडेलने के बाद उम्मीद रहती है कि....आपकी अनमोल टिप्पणियों से उसे भर ही लूँगा...मेरी उम्मीद ठीक है न.....

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