ओह वो चम्मच भर हॉर्लिक्स पावडर ...अमूल स्प्रे की याद दिला गया
कल . बेटे के दूध में हॉर्लिक्स पावडर मिलाते समय . अचानक ही एक चम्मच अपने मुंह में ले बैठा ....ओह याद आ गई हो बचपन की दुनिया । याद है कैसे पहली पहली बार जब वो दूध का पावडर चलन में आया था ...चाय बनाने के लिए इंस्टैंट दूध .....अजी तब फ़्रिज का जमाना कहां था कि दूध के फ़टने का डर नहीं ..सो जैसे ही ये बाजार में उपलब्ध हुआ ...बहुत जल्दी ही लोकप्रिय हो गया । और शायद इसके साथ ही बच्चों के लिए भी दूध का पावडर आ गया होगा , मगर उस समय वो बिल्कुल भी चलन में नहीं था ।
खैर बडों की चाय के लिए दूध की आवश्यकता के बहाने जो अमूल स्प्रे का डब्बा आता था , वो रसोई में हम बच्चों के लिए उसी तरह का एक आकर्षण का आईटम था जैसे गुड की भेली , या फ़िर पकी हुई इमलियां जिसे नमक लगा के चटखारे के साथ चाटते थे ..और ऐसा ही कुछ कुछ होता था , जब नज़र पडती थी ..कॉम्प्लान , हॉर्लिक्स , और बोर्नवीटा के डब्बे पर ..कब चम्मच निकला और कब गपाक से एक चम्मच वो पावडर ...ओह मुंह में जाते ही तलुवे से , जीभ से और लाख बचाने के बाद भी होठों से भी चिपक जाता था ...क्या बात थी उस अनोखे स्वाद की ..अब तो पता नहीं बच्चे ये करते हैं कि नहीं?????
...आखिर वो स्मार्ट पीढी है ....मैं ये सोच ही रहा था कि ..बेटा आ खडा हुआ ....अच्छा पापा आज आप भी ..वाह कल से दोनों जन उडाएंगे ..एक एक चम्मच हॉर्लिक्स पावडर ......हा हा हा हम देर तक हंसते रहे
बचपन की याद दिला दी आपने !!
जवाब देंहटाएंबहुत दिन से एक ऐसा ही पोस्ट लिखने के बारे में सोच रहे थे.. अब आपने आगाज़ कर ही दिया है तो हम भी लिख ही डालते हैं.. :)
जवाब देंहटाएंबड़े खुशनसीब थे आप , हमे तो देश के लाखों करोड़ों बच्चों की तरह बचपन में न कभी हार्लिक्स मिला न बोर्नविटा न सादा सा दूध पाउडर ..।
जवाब देंहटाएंआपने भी क्या याद दिलाई है ....:):) अब अपना राज़ नहीं खोलना चाहती :):)
जवाब देंहटाएंवाह जी क्या याद दिला दिया आप ने, सच मे बहुत मजा आता था फ़िर वो पाऊडर तलुवे से भी चिपक जाता था उसे जीभ से कुरेदना पडता था. धन्यवाद
जवाब देंहटाएंहमने कभी डब्बे का दूध पिया ही नही
जवाब देंहटाएंधन्यवाद अजय भैया याद दिलाने के लिए
जवाब देंहटाएं... kyaa baat hai !!!
जवाब देंहटाएंkahin koi na dekhe t' ek chamachh idhar bhi sarka dijiyega....idhar
जवाब देंहटाएंhum khirki ke ot me hain.....
pranam