तुम,
उन सपनों के,
कतरों को,
संभाल के रखना यार ,
मुझे यकीन है,
इक दिन ,
बहुत याद आएंगे वे,
खुली आंखों से ...
ताउम्र तुम्हें,
रात भर नींद कहां आएगी ......................................
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ये आखें ,
बडी जीवट होती हैं ,
जागती हैं तो ,
होती है ,
मंज़िलों पर नज़र ,
और सोती हैं तो,
नींद में ,
मंज़िलों से भी,
ऊंचे ख्वाब देख जाती हैं ............
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अच्छा है,
ये कि
मेरा कहा,
अनकहा भी ,
बहुत खूब समझती हो ,
ये और अच्छा है,कि,
मेरी किताबों,
मेरे शब्दों को ,
मेरा मेहबूब समझती हो .............
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अच्छा है ,
ये कि
मेरा किया ,
अनकिया भी ,
तुम खूब समझते हो ,
तुम भी तो ,
मेरी लाली ,
मेरे पाउडर को ,
मेरा मेहबूब समझते हो
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जिंदगी तुम,
बेरहम बहुत हो ,
खुशियों और दर्द का,
बराबर हिसाब रखती हो ,
जो मुद्दतों से ,
सो भी,
नहीं पाई हैं आंखें ,
क्यूं उनमें सुनहरे ख्वाब रखती हो ....
जिंदगी तू निर्मोही बडी ........................
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अब यकीन,
हो चला है ,
कयामत तक ,
हम नहीं बदलेंगे ,
ये समाज नहीं बदलेगा ,
इंसानों की शक्ल में,
कोई हैवान है ,
हमारे भीतर ही ,
जो कल नहीं बदला , आज नहीं बदलेगा ......................
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बहुत बढ़िया | लाजवाब |
जवाब देंहटाएंकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
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अमां हम तो पधार चुके हैं तुषार भाई :)
हटाएंवाह ,आप की लिखी हुई पोएट्री पहली बार पढ़ रही हूँ ..आपकी शैली और विषय दोनों ही प्रभावशाली है .....बहुत अच्छा लगा पढ़कर ..
जवाब देंहटाएंहौसला अफ़ज़ाई का शुक्रिया । मगर मुझे कविता , कहानी , शेर , गज़ल , छंद ,मुक्तक ....किसी की भी कोई समझ नहीं है , ये तो बिखरे आखर हैं बस ......बिखरे आखर
हटाएंयह बिखरे , छितरे बहुत खूबसूरत अलफाज
जवाब देंहटाएंशुक्रिया संगीता स्वरूप जी ।
हटाएंमन की गहराई के भाव समेटे बिखरे आखर.....
जवाब देंहटाएंबहुत आभार आपका मोनिका जी
हटाएंखुबसूरत रचना....
जवाब देंहटाएंशुक्रिया सुषमा जी
हटाएंजीवन को समझ सकने के प्रयास में सहायक..
जवाब देंहटाएंशुक्रिया प्रवीण भाई
हटाएंarissssss.. ee to apne type ka post hai..
जवाब देंहटाएंहा हा हा सही कह रहे हो बच्चा लाल
हटाएंwaah...umda
जवाब देंहटाएंशुक्रिया पारुल जी , आभार
हटाएंऐसी कवितायें रोज रोज पढने को नहीं मिलती...इतनी भावपूर्ण कवितायें लिखने के लिए आप को बधाई...शब्द शब्द दिल में उतर गयी.
जवाब देंहटाएंहौसला अफ़ज़ाई का शुक्रिया और आभार संजय भाई
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