प्रचार खिडकी
शुक्रवार, 14 अगस्त 2009
कृष्ण तो याद रहे , गीता को भूल गए
जन्माष्टमी का पर्व हर वर्ष की तरह इस बार भी खूब जोर शोर से मनाया जा रहा है ...मंदिर सजे हुए हैं...आरती, पूजा, कीर्तन की तैयारी भी चल रही है...और मैंने महसूस किया है की ऐसा मैं अपने बचपन से ही देख रहा हूँ ....और अब हमारे बच्चे देख रहे हैं ....
चलिए इसी बहाने से ..उनमें वो पारंपरिक संस्कार तो जा ही रहे हैं...जिनकी आज न जाने मुझे क्यूँ बहुत जरूरत महसूस होती है...
बेशक हमारी तरह उन्हें ...ओम जय जैग्दीश हरे कंठस्थ न हो ...ये भी की उन्हें हमारे समय की तरह पारिवारिक आरती में कोई विशेष दिलचस्पी न हो ...इसके बावजूद इतना तो है की ...वे कल को ..ये न कहें...अपने दोस्तों के बीच...यार आज कुछ है न .....वो कहते हैं ......हैपी जन्माष्टमी ...
इससे इतर मैं सोचता हूँ की आज हमें कृष्ण याद हैं....कृष्ण की लीलाएं याद हैं...राधा, मीरा, ....सब याद हैं...उनके भजन कीर्तन से हम ....मंदिर में समां बाँध देते हैं....मंदिर में आज ...खूब देर तक पूजा ..अर्चना चलती रहेगी ....और फिर वो धनिये वाल विशेष प्रसाद ....क्या कहने ..उसकी खुशबू ...और उसका स्वाद .....मगर जो चीज़ नहीं याद है ...और न जाने कबका उसे भूल चुके हैं ..वो है कृष्ण का गीता उपदेश....गीता में कृष्ण द्वारा समझाया गया जीवन दर्शन ....चिंतामुक्त होकर ...सिर्फ कर्म करने का चरित्र निर्माण....और भी सब कुछ....आज तो वो दर्शन ... साधू संतों के प्रवचन में भी नहीं दिखाई देता ...वहाँ भी न जाने कौन सा दर्शन बघारा जाता है....कर्म के लिए तो कोई प्रेरित ही नहीं कर रहा है ...
काश कि ..इस जन्माष्टमी के शुभ मौके पर कृष्ण के साथ साथ सब ..गीता सार को भी याद कर लेते...
आप सबको जन्माष्टमी के शुभ अवसर की शुभकामनायें
लेबल:
कृष्ण जन्म अष्टमी
एक आम आदमी ..........जिसकी कोशिश है कि ...इंसान बना जाए
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दुरस्त फरमा रहे है आप .
जवाब देंहटाएंजन्माष्टमी पर और स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई शुभकामना
बहुत सही कहा है ---
जवाब देंहटाएंसुन्दर चिंतन.....
जवाब देंहटाएंजन्माष्टमी और स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें. आभार.
अच्छी रचना
जवाब देंहटाएंकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामना और ढेरो बधाई .
आपको भी शुभकामनाएँ
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