सुना है कि,
दिल्ली देश का दिल है ,
यानि पूरे देश
रूपी शरीर के ,
बिलकुल मध्य में स्थित ,
ये भी सुना है है कि,
उस दिल्ली के
बीचों बीच एक ,
बहुत बड़ा केंद्र
बना हुआ है,
सभी तकनीकों ,
और ,तरकीबों से लैस,
वहाँ कुछ लोग
बैठे हैं ,इसलिए ताकि
उस गोल इमारत में
सभी दिशाओं से ,
आवाजें पहुँच सकें ,
आवाजें पहुँचती भी ,
होंगी शायद ,
या कभी पहुंचाई जाती होंगी,
मगर हमेशा वो ,
डूब जाती हैं ,
उस गोल इमारत के ,
अन्दर घूम घूम कर ,
भंवर में फंस कर ..
मैं आज तक ,
नहीं जान पाया ,
जाने वे आवाजें ,
वहाँ तक पहुँच कर ,
बेअवाज क्यूँ हो जाती हैं .....?
मैं आज तक ,
जवाब देंहटाएंनहीं जान पाया ,
जाने वे आवाजें ,
वहाँ तक पहुँच कर ,
बेअवाज क्यूँ हो जाती हैं .....?
गहरी नींद में बैठे है सभी.....आवाज कैसे पहुंचेगी या पहुंचायी जायेगी......?
आवाज तो पहुँचती है पर कोई सुनने को तैयार नही है.....
जवाब देंहटाएंबेहतरीन सोच -- सार्थक चिंता
जवाब देंहटाएंChhoti si kavita men gambheer sawal uthaye hain aapne.
जवाब देंहटाएं-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
आवाज तो पहुँचती है पर कोई सुनने को तैयार नही है.....
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