बाहें फ़ैलाए ,
आज तो , ऊपर से ,
आती हरेक बूंद को ,
बाहों ,में, समेट लेने का मन है ............
इस रुत को,
इन हवाओं और ,
फ़िज़ाओं को ,
इन घने काले बादलों को ,
तन से , लपेट लेने का मन है .............
बारिश में धुला हुआ,
इक फ़ूल , या ,
की मेंढक के , छोटे बच्चे ही सही ,
बारिश में ,
भीगा अपना रूमाल , पोंछने को ,
उन्हें ,किसी रोज़ , भेंट देने का मन है ............
आज नहीं भा रहा है ,
कोई फ़ास्ट फ़ूड ,
कोई स्पेशल डिश भी नहीं ,
मुद्दत हुए जो किए , आज वैसे ही ,
घर में, पकौडों के लिए,
बेसन फ़ेंट , लेने का मन है ................
ओह ............ये मन बावरा ..................हा हा हा हा हा .......ये बारिश की बूंदें ........
प्रचार खिडकी
रविवार, 11 जुलाई 2010
ये मन बावरा ...........हा हा हा...
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वाह जी, सुंदर भाव हैं.
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना !!
जवाब देंहटाएंरूमानी भाव
जवाब देंहटाएंसुन्दर कविता
मुद्दत हुए जो किए , आज वैसे ही ,
जवाब देंहटाएंघर में, पकौडों के लिए,
बेसन फ़ेंट , लेने का मन है ...............
बारिश कम्बख्त क्या क्या न करवाये.. आपके मन पर वारे जाये... काश हमे भी पकौडिया तलना आता!! :।
उम्दा रचना...!!
जवाब देंहटाएंहाय!! बारिश में ये क्या बना रखा है...कुछ लेते क्यूँ नहीं??? :)
जवाब देंहटाएंबेसन के पकोड़े ! वाह अजय जी क्या बात है ,वैसे भी घर के बेसन के पकोड़े में जो स्वाद है वह स्पेसल डिश और फास्ट फ़ूड में तो कभी हो ही नहीं सकता | अच्छी प्रस्तुती ....
जवाब देंहटाएंबहुत खुब सुरत लगी आप की यह रचना
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया समां बनाया अजय भाई आपने !
जवाब देंहटाएंआज तो महाराज, बारिश ने हमारा भी मूड बना दिया...............अभी अभी खाना खा कर उठे है .....अरहर की दाल, चावल और चोखे (उबले आलू ,प्याज़ , हरी मिर्च और सरसों का तेल)के साथ| अब क्या बताये बस मजा आ गया !
बारिश के मौसम का भी अपना ही एक अलग मज़ा है !
सुंदर रचना !!
जवाब देंहटाएंबारिश से उत्पन्न एहसासों को बखूबी लिखा है
जवाब देंहटाएंबरखा जिसको बावरा ना बना दे ...!
जवाब देंहटाएंवाह वाह्……………………बारिश मे भीगने के अहसासो को बखुबी संजोया है।
जवाब देंहटाएंअजय भाई
जवाब देंहटाएंबारिश में ही ये कुछ-कुछ क्यों होता है.
बारिश में कोई नहीं कहता-हम आपके है कौन
बारिश में दिलवाले अपनी दुल्हिनयां को छत्तरी में छिपाकर ले जाते हैं और फिर पकोड़े खिलाते हैं.
बारिश हो भी रही है या सिर्फ कविता में ही??? :P लेकिन कविता जोरदार है..
जवाब देंहटाएंकविता मे नही अगर सच मे पकौडे बनायें तो हमे जरूर बतायें देखें कि कैसे बनाते हैं धन्यवाद्
जवाब देंहटाएंumda kavita..barish ke anubhav ko poori tarh se samet liya ya isme!
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