वर्ष २००७ में ,ये आलेख , मेरे उपनाम , अजय रमाकांत ( उन दिनों मैं अजय रमाकांत के नाम से लिखा करता था ) से प्रकाशित हुआ था । आलेख को पढने के लिए उस पर चटका लगा दें , और छवि को और बडा करने के लिए दोबारा चटका दें ,और फ़िर आराम से उसे पढ सकते हैं ।
प्रचार खिडकी
बुधवार, 10 नवंबर 2010
दैनिक विराट वैभव (दिल्ली ) में प्रकाशित मेरा एक आलेख ...अजय कुमार झा
लेबल:
एक प्रकाशित आलेख
एक आम आदमी ..........जिसकी कोशिश है कि ...इंसान बना जाए
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
बहोत बहोत बधाई हो..............
जवाब देंहटाएं.
जवाब देंहटाएंCongratulations !
.
वाह! अच्छा लेख लिखा है आपने, बधाई!
जवाब देंहटाएंप्रेमरस.कॉम पर:
खबर इंडिया पर व्यंग्य - जैसे लोग वैसी बातें!
अच्छा लेख लिखा है
जवाब देंहटाएं.............ढेर सारी शुभकामनायें.