कवि जी आपके जाने पहचाने से हैं |
यूं ही सिलसिला चलता है,यूं ही बनते हैं अफ़साने अक्सर
मन हाथ से कहता है , कलम बूझता जाता है ....
अब तोतों के झुंडों का , मुझे इंतज़ार नहीं रहता ,
गनीमत है कि कबूतरों का , जोडा दिख तो जाता है ....
बेशक तुम्हारे दौर के गीत अलग और बोल अलग ,
शुक्र है कि अब भी हर रेडियों , पुराने गाने बजाता है ...
दुश्मन मोहब्बत का लाख हो जाए ये जमाना तो क्या ,
हर गली में किसी लडकी लडके को प्यार हो ही जाता है ...
है गरीब की किस्मत , एक नियति बस एक सी ,
कभी कुदरत सताती है , तो कभी इंसान सताता है ..
गया वो दौर , छुप कर एहसान निभाने का ,
अब जो जितना भी करता है , वो उतना जताता है ...
आज नशे में चूर हैं जो , मतवाले बौराए बेशर्म से ,
एक मौसम आता है ,हाथ जोडे वो दर दर पे जाता है ....
kalam bujhta hi jata hai... very very nice.... poetry....
जवाब देंहटाएंएहसान जताये जाते हैं,
जवाब देंहटाएंहर बात सुनाये जाते हैं,
इसके पहले वे मुँह खोलें,
हम आँख बचा छिप जाते हैं।
अजय जी , में टिप्पणी के काबिल नही ...
जवाब देंहटाएंये ज्ञानी जाने !
पर मैंने हर लाइन के एहसास को महसूस किया है
क्यों कि सरल शब्दों में गहरी बातें ...
बेशक तुम्हारे दौर के गीत अलग और बोल अलग ,
शुक्र है कि अब भी हर रेडियों , पुराने गाने बजाता है..आह!और वाह!
शुभकामनायें !
बहुत ही सुन्दर अफ़साना बुना है।
जवाब देंहटाएंबेशक तुम्हारे दौर के गीत अलग और बोल अलग ,
जवाब देंहटाएंशुक्र है कि अब भी हर रेडियों , पुराने गाने बजाता है ...
सही कहा आपने ....शुक्र है अभी भी हम पुरानो की सुनवाई होती है
अपनी ही लेखनी हमको सुनती और समझती है
सचमुच वक़्त कब बदल जाता है
जवाब देंहटाएंपता ही नहीं चलता है,
हम न जाने क्यों आगे बढ़कर भी,
पुरानी यादों में खोये रहते है,
जानते हैं कि सब बदल गया है,
फिर भी एक आस है,
थोड़े से ही सही,
पर अब भी एहसास बाकी है.
बहुत खुबसूरत और सहेजने योग्य पंक्तियाँ हैं.
kalam bujhta hi jata hai... very very nice.... poetry....
जवाब देंहटाएं७
बहुत ही सुन्दर ,
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें !
विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
वाह कितना सुन्दर लिखा है आपने, बहुत सुन्दर जवाब नहीं इस रचना का........ बहुत खूबसूरत.......
जवाब देंहटाएंअस्वस्थता के कारण करीब 25 दिनों से ब्लॉगजगत से दूर था
जवाब देंहटाएंआप तक बहुत दिनों के बाद आ सका हूँ,
bahut achcha likhe.....
जवाब देंहटाएंहै गरीब की किस्मत , एक नियति बस एक सी ,कभी कुदरत सताती है , तो कभी इंसान सताता है ..
जवाब देंहटाएंwaah bahut accha likha satik likha hai aur sathak bhi