प्रचार खिडकी

बुधवार, 23 जनवरी 2008

हम और आप ब्लोग्गिंग क्यों कर रहे हैं.?

हम सब ब्लोग्गिंग क्यों करते हैं?

आप सोचेंगे कि ये क्या बात हुई , करते हैं तो करते हैं । और फिर जरूरी तो नहीं कि ब्लोग्गिंग करने की कुछ वज़ह भी हो। मगर मेरे कहने का मतलब है कि यदि आप और हम अपने जीवन का कुछ समय यहाँ बिता रहे हैं तो उसकी कोई न कोई वज़ह तो सबके पास होगी ही। या यूं कहूँ कि आपने कभी अपने आप से पूछा है कि आप ब्लोग्गिंग क्यों करते हैं ?

पहली बात जो शायद सब कहेंगे वो है , आदत । कहते हैं कि लिखने-पढ़ने की आदत किसी मादक नशे की लत से कम नहीं होती और फिर ब्लॉगजगत जैसी खूबसूरत जगह पर लिखने का मौका और आदत किस कमबख्त को मजबूर नहीं करेगा यहाँ लिखने को। मेरी तो हालत ये है कि ऐसा लगता कि चौबीसों घंटे दिमाग का एक कोना ब्लोग्गिंग ही करता रहता है और यकीन मानिए कई पोस्टें तो मैंने सपने में लिखी और पोस्ट कर दी।

दूसरा कारण शायद ये हो सकता है कि हम चाहते हैं कि जो हम कहना चाहते हैं ,लिखना चाहते हैं , और साथ ही ये भी चाहते हैं कि दूसरे भी उसे पढे और जाने तो आज की तारीख में इसके लिए इस ब्लोग जगत से उपयुक्त जगह कोई और नहीं हो सकती.सच ही तो है वरना आज किसे फुरसत है कि हम जैसे लोगों को पढे ना सिर्फ पढे बल्कि उस पर अपनी प्रतिक्रिया , सुझाव और सलाह भी दे। तो ये कारण भी बिल्कुल वाजिब ही है।

अपनी पहचान बनाने के लिए। ये बात मैं अपने जैसे उन लोगों के लिए कह रह हूँ जिनके मन में एक ललक और एक लगन है लिखने, कुछ रचने की ,एक अनचाही तड़प है ,अपनी कुछ खास और अलग पहचान बनाने की उन्हें लगता है कि शायद यहीं पर और यही करते करते उनकी एक पहचान बन पायेगी। ये बात कुछ हद तक सही भी लगती है कि कम से कम यहाँ मौजूद सभी मित्रों के बीच एक जगह तो बन ही जायेगी एक दिन।

अपना अकेलापन , अपनी तन्हाई , अपने दर्द को बांटने के लिए .हम में से बहुत से लोग जब भी कुछ ऐसा लिखते हैं जिसमे बहुत भावुकता होती है , एक दर्द छुपा होता है , एक बुलावा, एक आकर्षण सा महसूस होता है तो कम से कम मुझे तो यही लगता है कि कहीं ना कहीं वो दोस्त अपने दिल की कुछ बातें हमारे सामने रख रहा है ताकि उसका वो दर्द कुछ हल्का हो सके।

अंत में मुझे तो यही लगता है कि बेशक हमारे यहाँ पर रहने और डटे रहने का कारण बिल्कुल अलग अलग हो हमारा उद्देश्य और हमारा चरित्र जरूर अच्छा है । हम अच्छे लोग तो हैं ही इतना तो तय है।


अगली पोस्ट :- ब्लॉगजगत में मेरी औकात ?

4 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत अच्छा लगा आपकी राय जानकर। खुशी होती है जब ब्लॉगिंग का सही मर्म समझकर लोग लिखते हैं। लिखते रहिये, आपके लेखन से निश्चित ही अनेक दिलों को आन्नद मिल रहा है।

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  2. एक ब्लॉगर को आपने अच्छा आदमी कहा है, धन्यवाद :)

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  3. aap sabko dhanyavaad,
    yadi aap logon kaa saath hai to blogjagat par bane rahne kaa kaaran aur saarthaktaa saabit ho jaatee hai.

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  4. aaj aapka pehli baar blog dekha hun aur padha hun bahut aacha likha hai aapne aur saachai hai aapki baton mein

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टोकरी में जो भी होता है...उसे उडेलता रहता हूँ..मगर उसे यहाँ उडेलने के बाद उम्मीद रहती है कि....आपकी अनमोल टिप्पणियों से उसे भर ही लूँगा...मेरी उम्मीद ठीक है न.....

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