हा-हा-हा , जय हो भंडारा सिंह और मूला सिंह की ! बधाई !!
बहुत ही अच्छा लिखा है, बधाई के साथ शुभकामनायें ।
बहुत सुन्दर और फिर प्रकाशन के लिये मुबारकबाद
हास-परिहास में सीधा सीधा भारी व्यंग्य?बधाई!
किस्सा तो सच्चा हैपर हिस्सा कहां है ?
टोकरी में जो भी होता है...उसे उडेलता रहता हूँ..मगर उसे यहाँ उडेलने के बाद उम्मीद रहती है कि....आपकी अनमोल टिप्पणियों से उसे भर ही लूँगा...मेरी उम्मीद ठीक है न.....
हा-हा-हा , जय हो भंडारा सिंह और मूला सिंह की ! बधाई !!
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छा लिखा है, बधाई के साथ शुभकामनायें ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और फिर प्रकाशन के लिये मुबारकबाद
जवाब देंहटाएंहास-परिहास में सीधा सीधा भारी व्यंग्य?
जवाब देंहटाएंबधाई!
किस्सा तो सच्चा है
जवाब देंहटाएंपर हिस्सा कहां है ?