प्रचार खिडकी

शुक्रवार, 27 नवंबर 2009

वैश्विक आतंकवाद की बढ़ती चुनौती (सच कहूं ), सिरसा हरियाणा में प्रकाशित एक आलेख


वैश्विक आतंकवाद पर लिखा गया एक आलेख जो सिरसा हरियाणा के दैनिक ,सच कहूं में प्रकाशित हुआ ॥

11 टिप्‍पणियां:

  1. ब्लॉग का नाम 'रद्दी की टोकरी' क्यों रखा?
    अमाँ, सीरियस होते हुए भी इत्ती अगम्भीरता काहें करते हो ?
    कुट्टी नहीं कुट्टा ।

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  2. झा जी सिर्फ़ पाकिस्तान मुरदा वाद ही पढ पा रह्रे है, धन्यवाद

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  3. उडन जी,
    चित्र को क्लिक किजीये, खुलने पर जो चित्र दिखे यदि वो भी छोटा लगे तो उसे भी क्लिक कर दीजीये..खूब बडा हो जाएगा ..और मजे से पढा जाएगा ..थोडी मेहनत ज्यादा करवा रहा हूं ..अरे आपसे नहीं ...आपके माऊस से जी ...

    गिरिजेश जी ,
    इस ब्लोग का शुरूआती नाम कबाडखाना था ..मगर ये ब्लोग पहले से ही स्थापित था ...सो मैंने यही उचित समझ कि इसका नाम बदल दिया जाए...और ये टोकरी बन गई...अब रद्दी है या कु्छ और ..ये तो आप सबपे छोड दिया है तय करने को ॥

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  4. झा जी सिर्फ़ पाकिस्तान मुरदा वाद ही पढ पा रह्रे है,
    इतना ही अच्छा है सुबह-सुबह से ही मुरदाबाद शुरु है। हा हा हा वैसे हमने जुम करके पढ लिया पर मुरदा बाद......

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  5. मुख्य बात तो यह है कि नई तकनीक और विज्ञान का आतंकवादी भी उतना ही इस्तेमाल कर रहे हि जितना कि सुरक्षा के लिये किया जा रहा है सो इसे भेदना कठिन हो रहा है ।
    यह लेख अच्छा है बधाई ।

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  6. aaj tak jitne bhi likhne waale paida hue hai unhe sabse achha aur gambhir mudda wahi lagta hai jo pakistaan ke galiyaaron se hokar guzarta ho ,jabki unhe is baat ki khabar nahi hoti ki unke bagal k galiyaare me kya ho raha hai,,,,....
    waise kaafi achha likha hai ..badhai....mere blog www.mideabahes.blogspot.com

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टोकरी में जो भी होता है...उसे उडेलता रहता हूँ..मगर उसे यहाँ उडेलने के बाद उम्मीद रहती है कि....आपकी अनमोल टिप्पणियों से उसे भर ही लूँगा...मेरी उम्मीद ठीक है न.....

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