प्रचार खिडकी

गुरुवार, 4 नवंबर 2010

एक अमवस्या जो अंधेरी नहीं होती थी ...जिसे दीवाली मनाते थे हम







काश अबकि ,फ़िर वही
मनाऊं दीवाली ,
जो कभी मनाते थे हम
दशहरे के बाद से ही
जाने कितनी बार ,
किताब में से
आई दीवाली रे कविता ,को
जोर जोर से पढ जाते थे हम
वो दस दिन पहले से ही
घर के कोने
कोने की सफ़ाई ,
और कैसे मां का हाथ बटाते थे हम ,
फ़िर कुछ इधर उधर
खिसका के टेबल पलंग ,
दीवाली में घर का नया लुक लाते थे हम ,
रंगीन कागज पन्नी
से भी क्या खूब घर को सजाते थे हम ,
और मुझे याद है अब तलक हाय ,
सिर्फ़ दस पैसे में ही,
क्या खूब लंबी
पटाखा लडी लाते थे हम ,
दीवाली के दिन की वो चहल पहल ,
रसोई की खुशबू से
पूरा दिन मदमाते थे हम ,
कहां लेते थे
हर बार नए कपडे भी ,
बहुत बार पुराने में ही
दीवाली मनाते थे हम ,
और फ़िर वो शाम दीवाली की ,
छतो,छत्तियों और
परछत्तियों पर दीप जलाते थे हम ,
सबसे बाद तक
फ़ोडेंगे पटाखे , इसलिए ,
कितने ही जतन से
पटाखों को छुपाते थे हम ...
और फ़िर दीवाली की वो रात तक ही
कहां खत्म होती थी दीवाली भी ,
अगली सुबह अधफ़ूटे बचे
पटाखों भी तो ढूंढ लाते थे हम ...


काश कि फ़िर वो दीवाली मना पाऊं कभी .........काश कि ये मुमकिन हो कभी ....काश काश काश !!!!

दीवाली की बहुत बहुत मुबारकबाद दोस्तों , इस दीपों के पर्व पर हर दीप से निकला उजाला सबके तन मन आंगन , वन उपवन ,नंदन कानन, जीवन, सब प्रकाशमय और ओजपूर्ण हो जाए ..दीवाली की मुबारकबाद कायनात के हर कतरे को और हर कतरे की तरफ़ से सबको दीवाली की मुबारकबाद..........

12 टिप्‍पणियां:

  1. यादो से भरी हुयी रचना के लिए आपका आभार !
    आपको और आपके परिवार में सभी को दीपावली की बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएं ! !

    जवाब देंहटाएं
  2. दीवाली के शुभ अवसर पर हार्दिक ढेरो शुभकामनाये और बधाई .

    जवाब देंहटाएं
  3. आपको और आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामाएं ...

    जवाब देंहटाएं
  4. .

    अगली सुबह अधफ़ूटे बचे
    पटाखों भी तो ढूंढ लाते थे हम ...

    -------

    बचपन याद दिला दिया आपने--शुभ दीपावली !

    .

    जवाब देंहटाएं
  5. आपको व परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें।

    जवाब देंहटाएं
  6. अति सुंदर यादे. धन्यवाद
    आपको और आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामाएं

    जवाब देंहटाएं
  7. सारी यादें समेट ली हैं ...दीपावली की शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  8. सुन्दर रचना.दीप पर्व की हार्दिक बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  9. चिरागों से चिरागों में रोशनी भर दो,
    हरेक के जीवन में हंसी-ख़ुशी भर दो।
    अबके दीवाली पर हो रौशन जहां सारा
    प्रेम-सद्भाव से सबकी ज़िन्दगी भर दो॥
    दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!
    सादर,
    मनोज कुमार

    जवाब देंहटाएं
  10. आपको सपरिवार दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें।

    जवाब देंहटाएं
  11. दीपोत्सव पर हमारी ओर से भी बधाइयों का गुलदस्ता स्वीकार करें !

    जवाब देंहटाएं

टोकरी में जो भी होता है...उसे उडेलता रहता हूँ..मगर उसे यहाँ उडेलने के बाद उम्मीद रहती है कि....आपकी अनमोल टिप्पणियों से उसे भर ही लूँगा...मेरी उम्मीद ठीक है न.....

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