इतने निष्ठुर ,
इतने निर्मम,
ये अपने से,
नहीं लगते,
फिर किसने,
ये नस्लें ,
बोई हैं,
किस किस के,
दर्द का,
करें हिसाब,
लगता है,
पिछले रात,
शहर की,
हर आँख,
रोई है......
सपनो का,
पता नहीं,
मगर नींद तो,
उन्हें भी,
आती है,
जो ओढ़ते हैं,
चीथरे ,या
जिनके तन पर,
रेशम की,
लोई है.....
क्या क्या,
तलाशूँ ,इस,
शहर में अपना,
मेरी मासूमियत,
मेरी फुर्सत,
मेरी आदत,
सपने तो सपने,
मेरी नींद भी,
इसी शहर ,
में खोई है.....
ये तो,
अपना-अपना,
मुकद्दर है,यारों,
उन्होंने संभाला है,
हर हथियार ,अपना,
हमने ,उनकी,
दी, हर चोट,
संजोई है...
पर्यावर दिवस पर........
नदियाँ ,
लगती हैं,
नाले जैसी,
पानी बना,
जहर सामान,
लगता है ,
दुनिया ने,
अपने पाप ,
की गठरी,
धोई है...........
इतने निर्मम,
ये अपने से,
नहीं लगते,
फिर किसने,
ये नस्लें ,
बोई हैं,
किस किस के,
दर्द का,
करें हिसाब,
लगता है,
पिछले रात,
शहर की,
हर आँख,
रोई है......
सपनो का,
पता नहीं,
मगर नींद तो,
उन्हें भी,
आती है,
जो ओढ़ते हैं,
चीथरे ,या
जिनके तन पर,
रेशम की,
लोई है.....
क्या क्या,
तलाशूँ ,इस,
शहर में अपना,
मेरी मासूमियत,
मेरी फुर्सत,
मेरी आदत,
सपने तो सपने,
मेरी नींद भी,
इसी शहर ,
में खोई है.....
ये तो,
अपना-अपना,
मुकद्दर है,यारों,
उन्होंने संभाला है,
हर हथियार ,अपना,
हमने ,उनकी,
दी, हर चोट,
संजोई है...
पर्यावर दिवस पर........
नदियाँ ,
लगती हैं,
नाले जैसी,
पानी बना,
जहर सामान,
लगता है ,
दुनिया ने,
अपने पाप ,
की गठरी,
धोई है...........
अजय भाई, बहुत सुंदर कविता है।
जवाब देंहटाएंलगता है ,
जवाब देंहटाएंदुनिया ने,
अपने पाप ,
की गठरी,
धोई है.....
वाह ! आप ने 'पर्यावर' लिखा है 'ण' छूट गया है। ठीक कर लें।
गिरजेश जी धन्यवाद...मैं पर्यावरण ही लिखना चाहता था....गलती के लिए क्षमा
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया रचना है।बधाई।
जवाब देंहटाएंसपनो का,
जवाब देंहटाएंपता नहीं,
मगर नींद तो,
उन्हें भी,
आती है,
जो ओढ़ते हैं,
चीथरे ,या
जिनके तन पर,
रेशम की,
लोई है.....
अच्छी रचना अजय जी।
किसी को पेट भरने को मयस्सर भी नहीं रोटी।
बहुत से लोग खा खाकर यहाँ बीमार होते हैं।।
जिन्हें रातों में बिस्तर के कभी दर्शन नहीं होते।
बिछाकर धूप टुकड़ा ओढ़ अखबार सोते हैं।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
bahut badhiya rachna.badhayi
जवाब देंहटाएंआप सबका बहुत बहुत aabhaar ,padhne और saraahne के लिए.......
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