दैनिक हरिभूमि में प्रकाशित एक आलेख
दैनिक ट्रिब्यून में प्रकाशित एक व्यंग्य
दोनों ही कतरनों को पढने के लिए उस पर चटका लगा दें, छवि बडी होकर अलग खिडकी में खुल जाएगी और आप सुविधानुसार उसे पढ सकते हैं ॥
बधाई अजय भाई
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