प्रचार खिडकी

रविवार, 5 अप्रैल 2009

अब तो बस गोली मारने का अधिकार मिलना चाहिए

दरअसल अभी अपने यहाँ चुनावों का मौसम है तो जाहिर है कि सबसे ज्यादा अधिकारों की ही बातें हो रही हैं। मसलन चुनाव में अपने मतदान का अधिकार, अपराधियों द्वारा न्यायालयों से चुनाव लड़ने का अधिकार, किसी को कुछ भी बकवास करने का अधिकार चाहिए तो किसी को सिर्फ़ दो रुपैये में चावल गेंहू जनता को दिलवाने जैसे वादे करने का अधिकार चाहिए, क्रिकेट वालों को आई पी एल यहाँ करवाने का अधिकार चाहिए था, तो जिसे ख़ुद टिकट नहीं मिला उसे अपने बीवी, बच्चों, भाई, बहनों, या रिश्तेदारों , अपने माली, रसोइए, दूधवाले और कोई नहीं तो कुत्ते के लिए टिकट का अधिकार चाहिए। कमाल है कि सारा समां ही अधिकार मय हो गया है । क्यों न हो आख़िर लोकतंत्र है भाई।

लेकिन मुझे लगता है कि समस्या का हल इस सबसे नहीं निकलने वाला है। देखिये न अब जिन्हें चुनाव लड़ने का अधिकार मिल रहा है, उन बेचारों का भूत और भविष्य जेल के नाम ही समर्पित है सो उनकी सेवा करने या उनसे कोई सेवा करवाने के लिए हमारे जैसे आम बेचारे लोगों को उनसे जेल अथवा थाने में मुलाक़ात का अधिकार मांगना होगा। जो बेचारा ख़ुद नहीं खडा हुआ, वहां तो स्थिति और भी ज्यादा विकट रहने वाली है क्यूंकि उनके पत्नी और जो भी इनके एवज में जीत कर पहुंचा होगा, उनसे मिलने के लिए भी तो आपको हमें इन से ही अधिकार मांगना होगा। एक अधिकार है इन प्रतिनिधियों को वापस बुलाने का, मगर क्या फर्क पड़ता है इनके आने जाने से। कुत्ते की दम सीधी थोड़े होती है। तो अब तो सिर्फ़ एक ही खालिस उपाय बचता है जो है गोली मारने का अधिकार। अजी सारा झंझट ही ख़त्म।

हाँ प्रश्न सिर्फ़ ये है कि अधिकार देगा कौन और किसको दिया जाए, अभी जो हालत हैं उनमें तो लगभग सारी ही समाज सेवक इतने भले लोग हैं यदि सचमुच ही जनता को ये अधिकार मिल जाएँ तो शायद ही वे उस पल का इन्तजार भी करें। हो सकता है कि मेरी बात कुछ लोगों को बेहद ख़राब, बेतुकी और अतार्किक लगे, मगर यकीनन मन तो यही कर रहा है एक आम आदमी का । क्या बदलने वाला है इस चुनाव के बाद, शायद कुछ नहीं.

4 टिप्‍पणियां:

  1. nahin nahin dinesh bhaai, pichhle kuchh dino se har taraf yahee naatak nautankee dekh raha hoon man chitkaar raha hai, kambakhton ko aatanwaadee log bhee kuchh nahin kehte to bataiye in mahaan logon ka kya kiya jaaye.

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  2. बिलकुल सही लिखा है भाई… लेकिन यह अधिकार मिलने के बाद 6 गोली वाली पिस्तौल से काम नहीं चलेगा, एके-47 चाहिये होगी सफ़ाई के लिये… :)

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  3. ha ha ha , suresh bhai, ye waalaa angle to maine bhee nahin sochaa thaa, sujhaav mujhe to manjoor hai.

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टोकरी में जो भी होता है...उसे उडेलता रहता हूँ..मगर उसे यहाँ उडेलने के बाद उम्मीद रहती है कि....आपकी अनमोल टिप्पणियों से उसे भर ही लूँगा...मेरी उम्मीद ठीक है न.....

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