प्रचार खिडकी

रविवार, 19 सितंबर 2010

बुजुर्ग : अनुभवी ,अनमोल, मगर उपेक्षित : दैनिक सच कहूं सिरसा में प्रकाशित मेरा एक आलेख


आलेख को पढने के लिए उसे चटकाने पर जो पृष्ठ खुले , उसे चटका कर आराम से पढा जा सकता है .........

3 टिप्‍पणियां:

  1. बडों की बात और आंवले का स्‍वाद का अहसास देर से होता है !!

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  2. जबरदस्त छाये हुए हैं आप तो भईया...का बात है, वैसे पूरा आर्टिकल अभी नहीं पढ़े हैं, कुछ देर में पढ़ते हैं.

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  3. ...प्रभावशाली व प्रसंशनीय लेख !!!

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टोकरी में जो भी होता है...उसे उडेलता रहता हूँ..मगर उसे यहाँ उडेलने के बाद उम्मीद रहती है कि....आपकी अनमोल टिप्पणियों से उसे भर ही लूँगा...मेरी उम्मीद ठीक है न.....

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