सराहनीय प्रस्तुती ,अच्छा प्रयास है आपका हर क्षेत्र में / हार्दिक शुभकामनायें भगवान आपकी हमेशा मदद करें /
सुन्दर और विचारणीय आलेख
सादर वन्दे!आपने सही कहा! हंसों के आगे जब भारत मेंबगुलों का अभिनन्दन होताराष्ट्रभक्त पाता फाँसीगद्दारों का वंदन होता रत्नेश त्रिपाठी
sundar lekh!shubhkamnayen!!
कभी नही होगी इसे फ़ांसी, भाई वोट का सवाल है, एक अरब मै दो चार सॊ मर गये तो कया? हां अगर इन का कोई मरता तो देखते, केसे इन की....
बधाई भैया.. दिल खुश हो जाता है जब अपने बड़े भाई को किसी पत्रकार से बेहतर आलेख लिखते देखता हूँ..
...प्रसंशनीय लेख !!!
टोकरी में जो भी होता है...उसे उडेलता रहता हूँ..मगर उसे यहाँ उडेलने के बाद उम्मीद रहती है कि....आपकी अनमोल टिप्पणियों से उसे भर ही लूँगा...मेरी उम्मीद ठीक है न.....
सराहनीय प्रस्तुती ,अच्छा प्रयास है आपका हर क्षेत्र में / हार्दिक शुभकामनायें भगवान आपकी हमेशा मदद करें /
जवाब देंहटाएंसुन्दर और विचारणीय आलेख
जवाब देंहटाएंसादर वन्दे!
जवाब देंहटाएंआपने सही कहा!
हंसों के आगे जब भारत में
बगुलों का अभिनन्दन होता
राष्ट्रभक्त पाता फाँसी
गद्दारों का वंदन होता
रत्नेश त्रिपाठी
sundar lekh!
जवाब देंहटाएंshubhkamnayen!!
कभी नही होगी इसे फ़ांसी, भाई वोट का सवाल है, एक अरब मै दो चार सॊ मर गये तो कया? हां अगर इन का कोई मरता तो देखते, केसे इन की....
जवाब देंहटाएंबधाई भैया.. दिल खुश हो जाता है जब अपने बड़े भाई को किसी पत्रकार से बेहतर आलेख लिखते देखता हूँ..
जवाब देंहटाएं...प्रसंशनीय लेख !!!
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