प्रचार खिडकी

मंगलवार, 16 मार्च 2010

एक प्याली चाय


एक प्याली चाय,
अक्सर मेरे,
भोर के सपनों को तोड़,
मेरी अर्धांगिनी,
के स्नेहिल यथार्थ की,
अनुभूति कराती है॥

एक प्याली चाय,
अक्सर,
बचाती है,
मेरा मान, जब,
असमय और अचानक,
आ जाता है,
घर कोई॥

एक प्याली चाय,
अक्सर,
बन जाती है,
बहाना,
हम कुछ ,
दोस्तों के,
मिल बैठ,
गप्पें हांकने का..

एक प्याली चाय,
अक्सर ,
देती है,
साथ मेरा,
रेलगाडी के,
बर्थ पर भी..

एक प्याली चाय,
अक्सर मुझे,
खींच ले जाती है,
राधे की,
छोटी दूकान पर,
जहाँ मिल जाता है,
एक अखबार भी पढने को॥

एक प्याली चाय,
कितना अलग अलग,
स्वाद देती है,
सर्दी में, गरमी में,
और रिमझिम ,
बरसात में भी॥

एक प्याली चाय,
को थामा हुआ,
है मैंने,या की,
उसने ही ,
थाम रखी है,
मेरी जिंदगी,
मैं अक्सर सोचता हूँ ......

अक्सर चाय पीते हुए ये पंक्तियां मेरे मन में कौंधती हैं , पहले भी शायद कही थी ......आज फ़िर चाय पी ...तो फ़िर कहने का मन किया ............और आपका ...??

19 टिप्‍पणियां:

  1. सचमुच कमाल की होती है ये एक प्‍याली चाय .. मैं भी चली लेने !!

    जवाब देंहटाएं
  2. एक प्याली चाय में बड़ी दम है...बेहतरीन रचना!!


    आपको नव संवत्सर की मांगलिक शुभकामनाएँ.

    जवाब देंहटाएं
  3. एक प्याली चाय में बड़ी दम है...बेहतरीन रचना!!

    जवाब देंहटाएं
  4. एक प्याली चाय की महिमा अपरम्पार है ।

    जवाब देंहटाएं
  5. एक प्याली चाय,
    कितना अलग अलग,
    स्वाद देती है,
    सर्दी में, गरमी में,
    और रिमझिम ,
    बरसात में भी॥
    स्वाद लेना ही है तो अलग-अलग हाथों से चाय बनवाईए या कभी खुद बना कर श्रीमती जी को पेश करें. स्वाद अलग आयेगा.

    जवाब देंहटाएं
  6. इंसान को ज़िन्दगी मे चाय पीने की आदत ज़रूर डालनी चाहिये ...चाय इंसान को एक अच्छा इंसान बना देती है ।

    जवाब देंहटाएं
  7. एक प्याली चाय,
    अक्सर मेरे,
    भोर के सपनों को तोड़,
    मेरी अर्धांगिनी,
    के स्नेहिल यथार्थ की,
    अनुभूति कराती है॥
    ग़ज़ब की अभिव्यक्ति। बहुत सुंदर!!

    जवाब देंहटाएं
  8. एक प्याली चाय बहुत स्वाद लगी, बहुत सुंदर.

    जवाब देंहटाएं
  9. एक चाय की प्याली हो
    फ़िर मौजा ही मौजा

    आपको नव संवत्सर की शुभकामनाएँ.

    जवाब देंहटाएं
  10. एक प्याली चाय बहुत स्वाद लगी, बहुत सुंदर.
    dobara aay hoon chai peene

    जवाब देंहटाएं
  11. इंसान को ज़िन्दगी मे चाय पीने की आदत ज़रूर डालनी चाहिये ...चाय इंसान को एक अच्छा इंसान बना देती है ।

    sehmat hun Sharad ji se

    जवाब देंहटाएं
  12. यह सूचना टिप्पणी बटोरने हेतु नही है बस यह जरूरी लगा की आपको ज्ञात हो आपकी किसी पोस्ट का जिक्र यहाँ किया गया है कृपया अवश्य पढ़े आज की ताज़ा रंगों से सजीनई पुरानी हलचल

    जवाब देंहटाएं
  13. अजय जी ऎसा नही की चाय पर कविता लिखी आपने इसलिये मुझे पसंद आई, सच यह है की यह कविता सिर्फ़ आपकी ही नही हर व्यक्ति विशेष के मन की उपज है। बहुत खूबसूरत भावभीनी कविता हेतु शुभकामनाएं। निरंतर ऎसा ही लिखते रहें और सबके दिलों तक पहुँचते रहिये...

    जवाब देंहटाएं
  14. बहुत बहुत शुक्रिया सुनीता जी , कविता को पढने और सराहने के लिए । नई पुरानी हलचल में इसे स्थान देने और इसकी सूचना के लिए भी । आपने सच कहा अब ब्लॉगों की संख्या ज्यादा होने के कारण ये जरूरी हो गया है कि लेखक को सूचित किया जाए । पुन: आभार

    जवाब देंहटाएं
  15. बहुत सही लिखा है सर! जैसे अपने ही मन की बात कह दी हो।


    सादर

    जवाब देंहटाएं
  16. वाह! क्या बात है,अजय भाई.

    आपकी एक प्याली चाय के क्या कहने.

    सुनीता जी ने तो हलचल ही मचा रखी है
    आपकी एक प्याली चाय को लेकर.
    क्यूँ न हो ऐसा,उनका भी तो चाय का ही बिजिनस है न.

    अब यदि चाय में दूध चाहिये तो
    आ जाईयेगा मेरे ब्लॉग पर.

    बहुत बहुत आभार और शुभकामनाएँ.

    जवाब देंहटाएं
  17. ओह! काफी देर से ब्लॉग पठन चल रहा है... पढ़कर चाय की तलब हो आई... मंगा ही लेता हूँ...
    बढ़िया रचना....
    सादर...

    जवाब देंहटाएं

टोकरी में जो भी होता है...उसे उडेलता रहता हूँ..मगर उसे यहाँ उडेलने के बाद उम्मीद रहती है कि....आपकी अनमोल टिप्पणियों से उसे भर ही लूँगा...मेरी उम्मीद ठीक है न.....

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