मेरी मां |
माँ , तेरी गोद मुझे,
मेरे अनमोल,
होने का,
एहसास कराती है॥
माँ, तेरी हिम्मत,
मुझको,
जग जीतने का,
विश्वास दिलाती है॥
माँ, तेरी सीख,
मुझे ,
आदमी से,
इंसान बनाती है॥
माँ, तेरी डाँट,
मुझे, नित नयी,
राह दिखाती है॥
माँ, तेरी सूरत,
मुझे मेरी,
पहचान बताती है॥
माँ, तेरी पूजा,
मेरा, हर,
पाप मिटाती है॥
माँ तेरी लोरी,
अब भी, मीठी ,
नींद सुलाती है॥
माँ , तेरी याद,
मुझे,
बहुत रुलाती है॥
ये पंक्तियां तब लिखी थी जब मां मेरे पास थी , मेरे साथ थी .........जाने आज क्यों बार बार मां की बहुत याद आई , और मैं बाहर निकल कर तारों में उन्हें ढूंढता रहा ..........
अजय जी
जवाब देंहटाएंइंसान कितना भी बड़ा क्यों ना हो जाये माँ के लिए ऐसे ही भाव मन में रहते हैं...
माँ, तेरी सीख,
मुझे ,
आदमी से,
इंसान बनाती है॥
ये पंक्तियाँ मन को छू गयीं....बहुत संवेदनशील रचना
अजय जी, मां ही वो शै है जो अपने बच्चों को न केवल इन्सान बनाती है, बल्कि जीने का ढंग भी सिखाती है. तमाम दिक्कतों से निपटने में सक्षम बनाती है. बचपन से बस यही तो कहती रहती है कि- मेरा राजा बेटा सब कर लेगा, देखना कैसे चुटकियों में दूध पी जायेगा, कैसा ताकतवर बन जायेगा, बस यही सारे शब्द हैं जो हमें हरदम आगे बढने को प्रेरित करते रहते हैं.
जवाब देंहटाएंमाँ , तेरी याद,
जवाब देंहटाएंमुझे,
बहुत रुलाती है॥.......
अजय जी नमन है मां को.....
अजयजी,
जवाब देंहटाएंआपने शत प्रतीशत माँ का जो रूप उजागर किया उसके लिये आभार । माता पिता से बड़ा ना कोई और माँ का स्थान तो तीनो लोक मे कोई ले नहीं सकता । आँखे नम कर गई ।
बहुत सुंदर रचना .. मां होती ही ऐसी है .. फिर सबकुछ छोडकर चल भी देती है !!
जवाब देंहटाएंअजय जी, आप की रचना अच्छी है लेकिन आप की माँ की रचना अनुपम। आप की माता जी स्मृति को प्रणाम!
जवाब देंहटाएंमाँ , तेरी याद,मुझे,बहुत रुलाती है॥.......अजय जी नमन है मां को.....”
जवाब देंहटाएंमाँ , तेरी गोद मुझे,
जवाब देंहटाएंमेरे अनमोल,
होने का,
एहसास कराती है॥
......बहुत संवेदनशील रचना
अजय !
जवाब देंहटाएंकृपया निम्न पोस्ट अवश्य पढ़ें !
तुम्हारी संवेदनाओं को सम्मान दे रहा हूँ वाकई बहुत अच्छे हो !मेरी इच्छा है कि "माँ" पर लिखना शुरू करें, शास्त्री जी को लिख रहा हूँ कि तुम्हे आमंत्रण भेजें !
स्नेह सहित आपका
http://maatashri.blogspot.com/2008/09/blog-post_3181.html
http://maatashri.blogspot.com/2009/10/blog-post.html
अजय जी, आप की मां जी के नाम आप की दिल से लिखी पाती दिखी -- सोच रहा हूं कि आप ने मां जी से जो बातें की उन में कितनी गहराई, अपनापन, स्नेह और एक नन्हे-मुन्ने का अनुग्रह है !!
जवाब देंहटाएंनमस्कार,अजय जी।
BAHUT SUNDAR RACHANAHE BHAI MA KE LIYE
जवाब देंहटाएंSHEKHAR KUMAWAT
http://kavyawani.blogspot.com/