प्रचार खिडकी

मंगलवार, 19 जनवरी 2010

हम लफ्जों में क़यामत, आँखों में सैलाब रखते हैं....((वन्स मोर रिठेलमेंट )


डरते हैं अब तो,
पास जाते उनके,
सुना है की,
वे एहसानों का हिसाब रखते हैं.......


बालों की सफेदी से,
मौत भुलावे में,
कहीं भेज न दे बुलावा,
बोतलों में नहीं ,
वे मटकों में खिजाब रखते हैं.....


कत्ल करने से गुरेज नहीं,
सजा का भी खौफ नहीं,
एक हाथ में खंज़र,
दूसरे में कानून की किताब रखते हैं....



ये अलग बात है की देखते नहीं,
नजर भर में पलट दें , तख्त-ताज,
लफ्जों में क़यामत,
आँखों में सैलाब रखते हैं....



आदमियों की भीड़ में,
इंसानों की तलाश हुई मुश्किल,
इंसान की सूरत सा ,लोग,
चेहरे पर नकाब रखते हैं..



पता नहीं आपमें से कितने मित्र ये पढ चुके हैं पहले मगर आज जाने इसे रिठेलमेंट प्रक्रिया में आज फ़िर आप तक पहुंचाने का मन किया देखिए ......कैसी लगी रिठेलमेंट

13 टिप्‍पणियां:

  1. आदमियों की भीड़ में,
    इंसानों की तलाश हुई मुश्किल,
    इंसान की सूरत सा ,लोग,
    चेहरे पर नकाब रखते हैं..
    bahut khub kaha aapane.

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुंदर पंक्तियों के साथ .... बहुत सुंदर रिठेलमेंट.....

    जवाब देंहटाएं
  3. Ajay jee
    man ke samandar me kitni
    aisi baaten motiyon ke tarah
    padi hui rahti hayn,kuchh gotakhoron
    me aap bhi ho jo ehsadon ko man ke samandar se nikal badi aasani se raddi ki tokari me sajakar hamen bhi dekhne ka mauka dete hayn.

    Bahut bhawpurn lekhan.

    जवाब देंहटाएं
  4. बालों की सफेदी से,
    मौत भुलावे में,
    कहीं भेज न दे बुलावा,
    बोतलों में नहीं ,
    वे मटकों में खिजाब रखते हैं.....
    वाह , बहुत खूब .

    जवाब देंहटाएं
  5. कत्ल करने से गुरेज नहीं,
    सजा का भी खौफ नहीं,
    एक हाथ में खंज़र,
    दूसरे में कानून की किताब रखते हैं....
    बेहद पसंद आई।

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत खूब ---"डरते हैं अब तो, पास जाते उनके,सुना है की, वे एहसानों का हिसाब रखते हैं"--- बहुत खूब

    जवाब देंहटाएं
  7. आदमियों की भीड़ में,
    इंसानों की तलाश हुई मुश्किल,
    इंसान की सूरत सा ,लोग,
    चेहरे पर नकाब रखते हैं..

    बिल्कुल सही कहा आपने आज तो इंसान को पहचानना ही बहुत मुश्किल काम हो गया है..सुंदर रचना..हर पंक्ति लााज़वाब..बधाई अजय जी!!

    जवाब देंहटाएं
  8. आदमियों की भीड़ में,
    इंसानों की तलाश हुई मुश्किल,
    इंसान की सूरत सा ,लोग,
    चेहरे पर नकाब रखते हैं..
    बहुत सुंदर बात कही आप ने आप से सहमत है जी

    जवाब देंहटाएं
  9. आदमियों की भीड़ में,
    इंसानों की तलाश हुई मुश्किल,
    इंसान की सूरत सा ,लोग,
    चेहरे पर नकाब रखते हैं....

    बहुत बढ़िया

    जवाब देंहटाएं
  10. आप जो भी करते हैं,
    बस कमाल करते हैं...

    जय हिंद...

    जवाब देंहटाएं
  11. कत्ल करने से गुरेज नहीं,
    सजा का भी खौफ नहीं,
    एक हाथ में खंज़र,
    दूसरे में कानून की किताब रखते हैं....

    अच्छा ठेले हैं

    जवाब देंहटाएं

टोकरी में जो भी होता है...उसे उडेलता रहता हूँ..मगर उसे यहाँ उडेलने के बाद उम्मीद रहती है कि....आपकी अनमोल टिप्पणियों से उसे भर ही लूँगा...मेरी उम्मीद ठीक है न.....

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...