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आंदोलन का जयघोष |
आज अन्ना हज़ारे का आमरण अनशन समाप्त हो गया है और उनके साथ ही पिछले पांच दिनों से भूखे प्यासे बैठे तीन से चार सौ आम लोगों ने भी अन्न और जल ग्रहण कर लिया । इससे पहले कि इस जनांदोलन पर कुछ बात की जाए , यहां उन लोगों के लिए कुछ कहना चाहूंगा जो न सिर्फ़ अब इस आंदोलन पर सवाल उठा रहे हैं और उनके लिए भी जिन्हें लग रहा है कि इस आंदोलन को अभी और परवान चढने देना चाहिए था और इसे इतनी जल्दी खत्म नहीं होने देना चाहिए था ।
सबसे पहले तो ये स्पष्ट कर देना उचित होगा कि ये आंदोलन न तो सत्ता के खिलाफ़ था न ही सरकार के ,न ही भ्रष्टाचार के विरुद्ध लडाई थी न ही व्यवस्था को उखाड फ़ेंकने जैसा कोई प्रयास । इस आंदोलन का एक मकसद था । पिछले बहुत समय से सरकार द्वारा प्रस्तावित लोकपाल विधेयक को पारित नहीं करवाया जा सका था बावजूद इसके कि अब तक आठ बार इसकी कोशिश की गई । इससे अहम बात ये कि जिन लोगों पर इस लोकपाल विधेयक के मसौदे को तैयार करने का भार डाला गया था और जैसा मसौदा प्रस्तावित था उससे उसका वैसा ही हश्र होने वाला था जैसा कि आज भ्रष्टाचार से लडने के मौजूद कानूनों और संस्थाओं का है आपके सामने मुख्य सतर्कता आयोग का उदाहरण है ही ।
इसलिए जब इस प्रस्तावित मसौदे को जांचा परखा गया तो सिविल सिटिजन के रूप में सजग और कार्यरत कर्मवीर सूचना के अधिकार की लडाई को लड कर जीतने वाले अरविंद केजरीवाल , अन्ना हज़ारे , किरन बेदी , प्रख्यात कानूनविद प्रशांत भूषण , शांति भूषण जैसे लोगों ने कमर कस ली कि अबकि बार सरकार की मनमानी नहीं चलने देंगें । समाजसेवी आंदोलनकारी अन्ना हज़ारे ने बरसों पुराने और आज़माए अचूक नुस्खे को फ़िर से आज़माया और इस मांग के साथ बैठ गए ।
जो लोग इसे जल्दी खत्म हुआ मान रहे हैं या ये कह रहे हैं कि अन्ना को अभी इसे ज़ारी रखना चाहिए था उन्हें दो बातें ध्यान में रखनी चाहिए थीं । जनता का हुज़ूम और उसका जोश जिस तरह से पल प्रतिपल बढता जा रहा था वो अगर इसी तरह बढता रहता तो बहुत जल्दी ही वो समय भी आ जाता कि जब आम आदमी शायद वो सारी सीमाएं पार कर जाता जो इस आंदोलन के लिए सोचा भी नहीं गया था । हालात तभी तक काबू में थे जब तक कि अन्ना की तबियत ठीक थी .सरकार को ये भलीभांति अंदाज़ा हो गया था कि अगर जरा सी भी चूक हुई तो ये आत्मघाती साबित होगी ।
ये अनशन तो कल रात ही समाप्त हो जाता क्योंकि कल रात दस बजे हुए समझौते में ही सरकार ने अन्ना की सारी मांगे मान ली थीं लेकिन कुछ खास कारणों से अन्ना ने आज सुबह तक का इंतज़ार किया । एक तो थी सरकारी घोषणा यानि नोटिफ़िकेशन की प्रतीक्षा जिसे सरकार ने बिल्कुल अप्रत्याशित रूप से चौंकाते हुए सीधा राजपत्र ही ज़ारी कर दिया और स्पष्टत: बता दिया कि कमेटी का गठन कैसे किया जाएगा और कौन कौन लोग होंगें । अन्ना एक और खास वजह से रुके हुए थे ..आज सुबह अन्ना ने अपने अनशन को और इस आंदोलन को समाप्त करने से पहले ये जता और बता दिया कि अभी सिर्फ़ ये अनशन समाप्त हुआ है और सच कहें तो उसे एक तात्कालिक स्थगन मात्र दिया गया है ।
अन्ना ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर पंद्रह अगस्त तक सरकार ने इस विधेयक को पारित नहीं किया तो फ़िर वही जंतर और फ़िर वही मंतर । अन्ना ने आज दिए गए अपने संदेश में ये भी बता दिया कि अब तो सही मायने में ये आंदोलन शुरू हुआ है इस आंदोलन की अलख अब पूरे देश में जगानी होगी और वे खुद इसमें भागीदारी करेंगे । अन्ना ने युवाओं को मीडिया को और आम अवाम को संदेश देते हुए सरकार को ये ईशारा कर दिया है कि उनके निशाने पर अब कौन कौन से एजेंडे रहेंगे , चाहे वो वोटिंग मशीन हो या चुनाव प्रणाली , प्रतिनिधियों को वापस बुलाने का अधिकार हो या सत्ता का विकेंद्रीकरण उन्होंने भविष्य के लिए उद्देश्य भी तय कर दिए हैं और तरीका भी ।
सबसे बडी बात जो इस पूरे प्रकरण से निकल कर आई है वो ये कि न सिर्फ़ आम जनता को उसकी ताकत का एहसास करा दिया उन्होंने बल्कि सरकार को भी बता दिया है कि बेशक वे जनप्रतिनिधि हैं और जनता ने हैं और जनता ने ही उन्हें चुन के भेजा है लेकिन इसका मतलब ये कतई नहीं कि वे मनमानी करेंगे और अब ये कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा कि सिर्फ़ पांच सवा पांच सौ लोग पूरे सवा अरब की जनसंख्या को दिनरात बेवकूफ़ बनाकर बेखौफ़ घूमते रहेंगें ।
तो ये समय वो समय है कि जब सही मायने में नागरिक आंदोलन की शुरूआत हो गई है जिसका एक ही उद्देश्य है नागरिक राज की बहाली , जनता का राज जो वो खुद करते हुए महसूस कर सके , जब जिससे उकताए उसे निकाल के बाहर कर सके , जो भी दोषी हो उसे दंड दे सके , अब आप खुद तय करिए कि इस आंदोलन में आपकी भूमिका क्या होने वाली है क्योंकि आपको एक तरफ़ तो होना ही होगा या तो उन हाथों के साथ आइए और उस लायक खुद को बनाइए कि ये जो सोटे तैयार किए जा रहे हैं उन्हें चलाने की ताकत आपमें खुद आ जाए नहीं तो फ़िर अपनी पीठ को इस बात के लिए तैयार रखिए क्योंकि देर सवेर ये आप पर भी पडने ही वाला है ...ये फ़ैसले का समय है इसलिए जागिए ...और जुडिए ..