प्रचार खिडकी

गुरुवार, 2 फ़रवरी 2012

बेबाक , बिंदास , बेलौस ,बेसाख्ता सी कुछ बातें ......



बिखरे आखर


ट्विटर सेंसर को तैयार , गूगल ने किया इनकार ,
उपयोग दुन्नो का अईसा करें , रहे टेंसन में सरकार




मेरे इर्द गिर्द रहकर , तुम जो यूं , अपना ये वक्त बर्बाद करोगे ,
मुहब्बत हो जाएगी मुझसे , मेरे जाने के बाद ,बहुत याद करोगे
 
छन्नो मलिक भी स्वयंवर रचाने को हो गईं तैयार ,
रखिया ,ललिया के बाद , देखिए ई किनका फ़ोडेंगी कपार ...
 
टेस्ट में भारत की शर्मनाक हार हो गई तय ,
ले बिल्लैया , अबे अब बचा का है रे , अब काहे का भय 
 
महासचिव राहुल : भ्रष्टाचारी कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा ,
महापालटी कहती है , खबरदार ,जो लूट के नहीं कमाएगा ...
 
शहरों में , सालाना बढ रहा है डेंगू का पिरकोप ,
उधर मच्छर लगा रहे हैं मोर्टीन में मिलावट का आरोप ...
 
भारत को चाहिए युवा नेता ,पिरधान जी फ़रमाए हैं,
इसीलिए पालटी वाले , पैंतालीस का कुंवारा अजोध युवा लाए हैं ...
 
चुनाव आयोग :रिश्वतखोरी के खिलाफ़ अध्यादेश लाए सरकार ,
हायं , ई चुनाव आयोग के मन में आ रहे हैं कैसे कैसे विचार ...
 
राजनीति से संन्यास लेने पर विचार कर रहे हैं शरद पवार ,
बिल्कुल ठीक , किरकेट टीम लडे चुनाव , सरद जी अब किरकेट खेलें यार
 
टेनिस में गौरवान्वित हुए और किरकेट से हुए शर्मसार ,
खेल खेल में फ़ेल हुआ , खेल बना व्यापार , रे देख तेल की धार 
 
दौर हम ये भी देख लेंगे , कि जब कितने ही दौर देख लिए ,
वो सितम पे सितम ढाती रही ज़िंदगी , हमने सितम और , कुछ और देख लिए
 
अबे कहां हो कोसने वालों , मचाओ स्यापा कि , मुद्दे कुछ दफ़न हो गए ,
जो अब भी सोना ही चाहते हो तो तान लो चादर , जगाने के तुमको बहुत अब जतन हो गए ...
 
बहुत मुश्किलों से भी हो कभी तो उस काम में मजा आता है ,
बहुत खूब बजता है अब भी जब ईमानदारी का कोई हथौडा बजाता है .....
 
वो इस कदर आश्वस्त हैं इस बारे में कि ,कभी कुछ नहीं बदलेगा ,
जो न बदला तो मिट जाएगा , या अभी बदलेगा या फ़िर नहीं बदलेगा ..

वसंत ने फ़िर दस्तक दी , हवाओं ने भी मिज़ाज़ बदला है ,
हम भी सोच रहे थे ये मन बौराहा ,यूं बेवजह नहीं मचला है ......

दुनिया और दुनियादारी , बेशक , हम दोनों के लिए खराब हो गए ,
कमबख्त, इतना बिखरे रहे, आखरों के बीच कि किताब हो गए
 
माया के करीबी हैं पॉन्टी , मॉल के बेसमेंट में मिली तिजोरी ,
अबे टोटल हथिया का पेट खोल के देखो ,मिलेगा वहां भी नोट का बोरी ...
 
भ्रष्टाचार के प्रति उच्च न्यायालय का रुख हो रहा है बेहद सख्त ,
भ्रष्टाचार के विरूद्ध विधायिका ,कानून बना के पस्त ,कार्यपालिका कर कर के मस्त ..

10 टिप्‍पणियां:

  1. एकदम सटीक , कमाल की हैं सारी बिंदास बातें ....

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  2. दुनिया और दुनियादारी , बेशक , हम दोनों के लिए खराब हो गए ,
    कमबख्त, इतना बिखरे रहे, आखरों के बीच कि किताब हो गए

    इतनी सुन्दर किताब ... इतनी रोचकता

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत ही अच्‍छी प्रस्‍तुति ।

    जवाब देंहटाएं
  4. ‘चुनाव आयोग :रिश्वतखोरी के खिलाफ़ अध्यादेश लाए सरकार ,

    अरे नहीं जी मद्य का आदेश लाई है सरकार ताकि एक दृढ मद्य सिंडिकेट पालटी को मिल सके:)

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुन्दर सृजन , सुन्दर भावाभिव्यक्ति .

    मैं आपके ब्लॉग को फालो कर चुका हूँ, अपेक्षा करता हूँ कि आप मेरे ब्लॉग"MERI KAVITAYEN" पर पधारकर मुझे भी अपना स्नेह प्रदान करेंगे .

    जवाब देंहटाएं
  6. कहीं किसी को चोरी चकारी पर फटकार पड़ी है,
    तो कहीं हार से जीत से, कहीं मौसम से जुड़ती कड़ी है...
    बिखरे आखरों के बीच में "झा जी" को पहचान लिया है,
    और आपने अन्य आखरों को कायदे से बिखेर के कमाल किया है...

    लेखक की टोकरी के आखर खुशियों की तरह होते हैं, जितने बांटों / बिखेरो, बढ़ते ही जाते हैं :)

    जवाब देंहटाएं

टोकरी में जो भी होता है...उसे उडेलता रहता हूँ..मगर उसे यहाँ उडेलने के बाद उम्मीद रहती है कि....आपकी अनमोल टिप्पणियों से उसे भर ही लूँगा...मेरी उम्मीद ठीक है न.....

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