प्रचार खिडकी

मंगलवार, 15 जनवरी 2008

अरे हमी को दे दो भारत रत्न भैया

लीजिए अब विवाद तो एक नया फैशन बन कर रह गया है , किताबें हों पिक्चर हो या फिर कोई पुरूस्कार हो और इस फेहरिस्त में अब तो भारत रत्न का नाम भी जुड़ गया है । वैसे तो पुरुस्कारों में , उनके चयन में , चयन करने वालों पर हमेशा कोई ना कोई प्रश् चिन्ह लगता ही रहा है विशेषकर भारत में तो ये एक अवाशय्म्भावी तत्त्व हो गया है मगर भारत रत्न जैसा सर्वोच्च समान भी यदि विवादों में पड़ता है तो ये तो बेहद शर्म की बात है।

जैसे जैसे दिन बीतते जा रहे हैं वैसे वैसे लिस्ट में नए नए नाम जुड़ते जा रहे हैं । सबसे मजे की बात तो ये है कि सब के सब ये तो चाहते हैं कि फलां फलां को भारत रत्न कि उपाधी मिले मगर किसी के पास ये जवाब नहीं है कि आख़िर सिर्फ उन्हीं को ये सम्मान क्यों मिलना चाहिए । खैर इस पर तो राजनीती अभी और गर्म होगी और मुझे तो लगता है कि काफी लें दें भी चलेगा, मागर भारत का एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते मेरा भी ये फ़र्ज़ बँटा है कि इस लिस्ट में कुछ और नाम सुग्गेस्ट करूं ताकि भारत सरकार बिल्कुल सही चयन कर सके। तो मैंने नीचे कुछ नाम सुझाए हैं ,

अनिल कपूर और जैकी श्राफ :- आप कहेंगे ये क्यों भाई , तो उसकी मेरे पास एक ठोस वज़ह है । इन्ही के लिए सबसे पहले पूरे देश ने ये गाना गाया था कि "मेरे दो अनमोल रतन , एक है राम तो एक लखन" तो भाई हमारा ये फ़र्ज़ बनता है कि इन दोनो रतानों में से एक रत्न को भारत रत्न दिलवाया जाये।

मेलु राम : जी आप इन्हें नहीं जानते होंगे शायद , मैं इनके बारे में आपको बताता हूँ ये हमारी गली में भाजी की दुकान चलाते हैं और ये सिर्फ और सिर्फ इनकी महर्बने है कि इतनी मेहेंगाई के जमाने में भी ये हमें हमारे इसी तनख्वाह में हरी हरी सब्जी खिलाते हैं मेर प्रति इनका विशेष प्रेम है तीन तीन महीने तक कभी पैसे का तकादा नहीं करते और चाहे किसी और को दे ना दे मगर मुझे सब्जियों के सात धनिया और हरी मिर्च जरूर देते हैं । कम से कम मेरे नज़र में तो एक भारत रत्न के हक़दार तो ये हैं ही।

अजी आपका ये खाकसार यानी कि मैं खुद: अब जब मुझे ये चांस मिलेगा कि मैं नाम सुझाऊँ तो फिर यदि मैं अपना नाम ना लूं तो ये तो सरासर नाइंसाफी होगे ना । वैसे अपना नाम सुझाने के पीछे भी कारण तो है ही। पहला ये कि में माँ हमेहा से यही कहती रही है कि हीरा है मेरा पूत तो , दूसरा कारण ये कि एक मैं हे एकलौता ऐसा वो शक्ष हूँ जिसके नाम पर किसी को भी कोई आपत्ति नहीं हो सकती अजी मुझे जानता कौन है जो दोस्ती और दुश्मनी का सवाल आयेगा वास मैं बारे बारी से सबको वोट दिया हुआ है।

तो कहिये आप क्या सोचते हैं अपने इस रत्न के बारे मैं।

आपका
अजय कुमार झा
फोन 9871205767

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