प्रचार खिडकी

शनिवार, 13 फ़रवरी 2010

सेलिब्रिटीज़ हैं ,हिंदी ब्लोग्गर्स


कल जैसे ही बेटे को स्कूल से लेकर निकला, उसने प्रश्न दागना शुरू कर दिया (वैसे यहाँ बता दूँ की मुझे अब तक ठीक ठीक नहीं पता चल है की दागने में वो आगे रहता है या उसकी अम्मा, बस इतना पता है की दोनों मिलकर मुझे पर दागते हैं )पापा, मेरे स्कूल के सारे बच्चों के पापा सेलेब्रेटीज हैं, आज मुझसे टीचर ने पूछा तो मैंने कहा की कल बताउंगा , वैसे मुझे इतना पता है की वे कोई गर हैं, शायद अजगर नहीं बाजीगर .........



अबे चुप, क्या बक रहा है तुझे कितनी बार तो बताया है की ब्लॉगर हैं, ये अजगर और बाजीगर से बिल्कुल अलग होता है बेटे, और क्या कहा सेलेब्रेटी , बेटा सही मायने में तो सबसे बड़ा सेलेब्रेटी आज ब्लॉगर ही है।



ठीक है पापा, लेकिन हो तो आप गर नस्ल के ही प्राणी न , और सेलेब्रेटीज कैसे हो ?



मैंने उसके गर -मगर पर बिना ध्यान दिए, बताना शुरू किया, देख, आज भारत की जनसख्या कितनी है, सवा अरब से भी ज्यादा, उसमें से हिन्दी बोलने, पढने, लिखने और समझने वाले कितने होंगे, करोड़ों में , उसमें से ब्लॉग्गिंग करने वाले कितने हैं सिर्फ़ हजारों में, अबे, हजारों में क्या सिर्फ़ कुछ हजार, और नियमित लिखने वाले, सिर्फ़ पाँच सौ, उसमें से एक तेरे पापा भी हैं। और ये जो तेरे, अमिताभ बच्चन, आमिर खान , जैसे लोग हैं न , वे तो सिर्फ़ अपने कुत्ते बिल्लियों के नाम बताने के लिए ब्लॉग्गिंग कर रहे हैं, हम उनमें से नहीं हैं। हम लिखते है, उसे पढ़ते हैं, लोग हमारी प्रशंशा करते हैं, फ़िर हम प्रशंसा करते हैं, और ये सिलसिला चलता रहता है। और तो और ये तेरे सेलेब्रिटीज लोग तो एक दूसरे से कैसे लड़ते हैं, खुलमखुल्ला, सबके सामने, यहाँ हम किसी की आलोचना भी बड़ी ही शिष्टता से करते हैं, और कई लोग तो बेचारे इतने भद्र हैं की यदि किसी को गलियाने का मन करे तो बेनाम बन कर गलियाते हैं, ताकि दुःख न हो ये जान कर की अमुक आदमी गरिया रहा है।



बेटा बिल्कुल शुक मुनो की तरह ध्यान लगा कर सुन रहा था, " लेकिन पापा आप लोगों की चर्चा तो कहीं नहीं होती "

बेटा गए वो दिन जब हम ख़ुद ही लिखते थे और ख़ुद ही पढ़ते थे, अब तो हरेक समाचार पत्र, कोई प्रतिदिन, तो कोई साप्ताहिक रूप से हमारी और हमारे पोस्टों की चर्चा कर रहा है ,(मैंने उसे बिल्कुल भी नहीं बताया की कभी किसी ने भी मेरी चर्चा नहीं की,) और यहाँ ब्लॉगजगत पर तो हमारे पाठक कितने हैं कह ही नहीं सकते।



लेकिन हमेशा ही मैंने देखा है की जब आप पाठकों की संख्या देखते हो तो वो तो महज ४ या ५ होती है



क्या बात कर रहा है, तुझे नहीं पता, कंप्युटर हमेसा लास्ट वाला जीरो नहीं दिखाता, मतलब पचाससाठ लोग रोज पढ़ते हैं, और पसंद भी करते हैं (यहाँ भी मैंने उसे बिल्कुल नहीं बताया की हम कुछ दोस्तों ने कसम खा राखी है की एक दूसरे की पोस्ट छपते ही उसपे पसंद का घंटा जरूर बजा कर आयेंगे , फ़िर बाद में उसे खूब बुरा भला कहें। )


तो बता अब कोई कह सकता है की तेरे पापा सेलेब्रिटीज़ नहीं हैं।


बिल्कुल ठीक कहा पापा , कम से कम कहने पर कोई चाहे कुछ न समझे इतना तो समझ ही जायेगा की आप भी अजगर और बाजीगर की तरह के कुछ भारी भरकम और अनोखे हो.


डिस्क्लेमर विद मिस्क्लेमर :- ये पोस्ट ...निर्मल हास्य के लिए है , इसे अन्यथा ले कर अपनी और हमारी व्यथा न
बढाएं

29 टिप्‍पणियां:

  1. baap bete ki baatchit waakai dilchasp hai -

    माननीय ,
    जय हिंद
    महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर यह
    शिवस्त्रोत

    नमामि शमीशान निर्वाण रूपं
    विभुं व्यापकं ब्रम्ह्वेद स्वरूपं
    निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं
    चिदाकाश माकाश वासं भजेयम
    निराकार मोंकार मूलं तुरीयं
    गिराज्ञान गोतीत मीशं गिरीशं
    करालं महाकाल कालं कृपालं
    गुणागार संसार पारं नतोहं
    तुषाराद्रि संकाश गौरं गम्भीरं .
    मनोभूति कोटि प्रभा श्री शरीरं
    स्फुरंमौली कल्लो लीनिचार गंगा
    लसद्भाल बालेन्दु कंठे भुजंगा
    चलत्कुण्डलं भू सुनेत्रं विशालं
    प्रसन्नाननम नीलकंठं दयालं
    म्रिगाधीश चर्माम्बरम मुंडमालं
    प्रियम कंकरम सर्व नाथं भजामि
    प्रचंद्म प्रकिष्ट्म प्रगल्भम परेशं
    अखंडम अजम भानु कोटि प्रकाशम
    त्रयः शूल निर्मूलनम शूलपाणीम
    भजेयम भवानी पतिम भावगम्यं
    कलातीत कल्याण कल्पान्तकारी
    सदा सज्ज्नानंद दाता पुरारी
    चिदानंद संदोह मोहापहारी
    प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी
    न यावत उमानाथ पादार विन्दम
    भजंतीह लोके परे वा नाराणं
    न तावत सुखं शान्ति संताप नाशं
    प्रभो पाहि आपन्न मामीश शम्भ

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  2. अजय भाई, हमतो टाइटल देखकर ही खुश हो गए। आप कितने ही अगर-मगर कर लें लेकिन ब्‍लागर तो बेटे को समझ ही नहीं आ सकता। अच्‍छा व्‍यंग्‍य है बधाई।

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  3. ये तो सही बताया आपने... अमिताभ बच्चन जैसों के ब्लॉग लोग इसीलिए पढ़ते हैं की भाई बड़े स्टार हैं अगर एक भी कमेन्ट का जवाब आ गया तो हमारा ब्लॉग तर जायेगा... अगली सात पुश्तें यशगान करेंगीं की हमारे फ़लाने-फ़लाने पीढ़ी को सहस्त्राब्दी के महानायक ने जवाब दिया था.. ;) और ये करते भी क्या है.. बेचारे कर भी क्या सकते हैं याद है २६/११ के बाद क्या पोस्ट निकाली थी.. ये परदे के आगे शेरदिल और पीछे बुजदिल लोग हैं..
    और दूसरी तरफ हमारे ब्लॉग लोग कहीं ना कहीं कला की वजह से पढ़ते हैं.. भले ही ज्यादा परिपक्व ना हों मगर परिपक्वन की तरफ अग्रसर तो हैं ही.. हम हिंदी को बढ़ावा तो दे ही रहे हैं ना.. दूसरी तरफ ये चोट्टे हिंदी की खा के हिंदी माता की साडी में ही आग लगा रहे हैं..
    व्यंग पढ़ के मन को संतोष मिला की आपने बच्चे को अच्छा समझाया.. हम भी कुछ हैं अहसास कराया.. :)
    जय हिंद... जय बुंदेलखंड...

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  4. बढ़िया व्यंग.....टीका-टिप्पणी पर भी टिप्पणी कर दी.....

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  5. अजय भईया दागे कैसे नहीं , चाचा कौन है उसका ।

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  6. यानि कि अब हम भी कुर्ते का कालर तान सकते हैं :)

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  7. बहुत ही शानदार । लेखनी गज़ब है आपकी । आभार ।

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  8. अजब ब्लॉगर की गज़ब कहानी :-)

    बी एस पाबला

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  9. हे भोलेनाथ, ऐसे धर्म संकट में ना डालना। :)

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  10. ाजय जी मै भी टाईटल देख कर खुश हो गयी मगर आप भी अच्छा मज़ाक करते हैं हा हा हा शुभकामनायें

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  11. आप निसंदेह एक दिल्ली ब्लॉगर सेलेब्रिटी हैं

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  12. शीर्षक देखकर मैने समझा कि किसी और ने ऐसा कहा है .. अंदर पढा तो निराशा हुई कि यह हमारा अपना ही भ्रम है !!

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  13. आप निसंदेह एक दिल्ली ब्लॉगर सेलेब्रिटी हैं

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  14. कोई ब्लोगर सेलिब्रिटी तभी बनेगा जब बाबा उसके सिर पर हाथ रख देगें

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  15. अभी तो बच्चा मुंह से दाग रहा है...भगवान न करे कि बच्चे को सच्चाई पता चल जाए वर्ना वह कल दागने के लिए सरिया गर्म कर सकता है :)

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  16. अजय भाई,
    मेंटल मैथ्स पढ़ते थे तो अक्सर पहेली नुमा सवाल हल किया करते थे...जैसे एक क्लास में कुछ बच्चे हैं, जाहिर है उनमें सारे छात्र हैं, लेकिन कुछ क्रिकेटर हैं, कुछ एक्टर हैं...इसलिए ऐसे छात्र भी है जो क्रिकेटर भी हैं एक्टर भी...कुछ का सिर्फ एक-एक कम्बिनेशन ही है जैसे छात्र-क्रिकेटर, छात्र-एक्टर...कुछ सिर्फ छात्र ही हैं...लेकिन सिर्फ क्रिकेटर-एक्टर का कम्बिनेशन मुमकिन नहीं है...न ही कोई सिर्फ क्रिकेटर या सिर्फ एक्टर हो सकता है..क्योंकि वो छात्र तो होगा ही...

    अब आइए ब्लॉगिंग की क्लास पर...क्या ब्लागर्स, बाज़ीगर और अजगर को लेकर ऊपर वाला सवाल यहां भी लागू होता है...ज़रा सोचिए...

    जय हिंद...

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  17. बाजीगर ओ बाजीगर तू है बड़ा अजगर....:)

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  18. बाकी कोई हो न हो, झा जी तो सेलिब्रेटी हैये हैं..बहुत सटीक समझाये हैं बालक को. उसकी टीचर को भी बुलवा लें अगले ब्लॉगर सम्मेलन में..खुद ही देख लेंगी. :)

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  19. सही डगर पर चल ब्‍लॉगर
    अगर मगर मत कर ब्‍लॉगर
    डगर डगर अगर मगर अगर
    सेलीब्रिटी तो है समझ ब्लॉगर
    अजगर तू मत बन ब्‍लॉगर
    बाजीगर तू मत बन ब्‍लॉगर
    नेताओं के हैं यह काम ब्‍लॉगर
    नेता तू मत बन अब ब्‍लॉगर
    इंसान ही बना रह ब्‍लॉगर
    इंसानियत का पाठ पढ़ा ब्‍लॉगर।

    जय ब्‍लॉगर है ब्‍लॉगर
    वो ब्‍लॉगर मैं ब्‍लॉगर।

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  20. अजय भाई इसे पार्टी पर जरुर लाना था, ठीक है जब कभी हमारे सपुत्रो ने कोई सवाल दाग तो हम आप के लेख की कापी पेस्ट कर के उन्हे सुना देंगे
    धन्यवाद

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  21. ब्लोग्गर भी सेलेब्रिटी हैं....यह जान कर मेरा सीना चौड़ा हो गया है..... बहुत अच्छी लगी यह पोस्ट....

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  22. मेरा नाम नहीं लिखा आपने सैलेब्रेटी में .....बाकि भूल सुधार के लिए अभी गुंजाईश है.....

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  23. और तो और ये तेरे सेलेब्रिटीज लोग तो एक दूसरे से कैसे लड़ते हैं, खुलमखुल्ला, सबके सामने, यहाँ हम किसी की आलोचना भी बड़ी ही शिष्टता से करते हैं, और कई लोग तो बेचारे इतने भद्र हैं की यदि किसी को गलियाने का मन करे तो बेनाम बन कर गलियाते हैं, ताकि दुःख न हो ये जान कर की अमुक आदमी गरिया रहा है।

    पूरी १० टन की बात कही है. घणी सुथरी बात सै.

    रामराम.

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  24. और तो और ये तेरे सेलेब्रिटीज लोग तो एक दूसरे से कैसे लड़ते हैं, खुलमखुल्ला, सबके सामने, यहाँ हम किसी की आलोचना भी बड़ी ही शिष्टता से करते हैं, और कई लोग तो बेचारे इतने भद्र हैं की यदि किसी को गलियाने का मन करे तो बेनाम बन कर गलियाते हैं, ताकि दुःख न हो ये जान कर की अमुक आदमी गरिया रहा है।

    पूरी १० टन की बात कही है. घणी सुथरी बात सै.

    रामराम.

    जवाब देंहटाएं
  25. कंप्युटर हमेसा लास्ट वाला जीरो नहीं दिखाता,....मुझे भी कुछ कुछ ऐसा ही लगा था

    जवाब देंहटाएं

टोकरी में जो भी होता है...उसे उडेलता रहता हूँ..मगर उसे यहाँ उडेलने के बाद उम्मीद रहती है कि....आपकी अनमोल टिप्पणियों से उसे भर ही लूँगा...मेरी उम्मीद ठीक है न.....

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